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न्यूजक्लिक पर FIR में चौंकाने वाले तथ्य : विदेशी फंडिंग से भारत के खिलाफ साजिश, पत्रकारों के भी नाम

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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। ऑनलाइन वेब पोर्टल न्यूजक्लिक पर छापेमारी और पत्रकारों से पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस की एफआईआर से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें विदेशी फंडिंग से भारत के खिलाफ साजिश भी शामिल है।

आरोपितों ने विदेशी फंड की आड़ में 115 करोड़ रुपये से ज्यादा हासिल किए

दिल्ली पुलिस ने गुप्त इनपुट का हवाला देते हुए कहा है कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के इरादे से साजिश के तहत भारतीय और विदेशी संस्थाओं की ओर से देश में अवैध रूप से करोड़ों की विदेशी पैसे का निवेश किया गया है। आरोपितों ने विदेशी फंड की आड़ में 115 करोड़ रुपये से ज्यादा हासिल किए हैं।

नेविल रॉय सिंघम ने अवैध तरीके से न्यूजक्लिक को उपलब्ध कराया विदेशी फंड

दिल्ली पुलिस का कहना है कि अमेरिका स्थित वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स एलएलसी से अप्रैल, 2018 से पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को अवैध तरीके से करोड़ों रुपये मिले, जिसके शेयरधारक प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा, गौतम नवलखा,  गीता हरिहरन, अमित चक्रवर्ती और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी हैं। विदेशी फंड चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सदस्य नेविल रॉय सिंघम ने ‘वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स’ समेत कई संस्थाओं के जरिए उपलब्ध कराया।

प्रबीर पुरकायस्थ से जुड़े नवलखा की भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता

पुलिस ने एफआईआर में कहा, ‘यह पता चला है कि गौतम नवलखा, जो पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में 2018 में इसकी स्थापना के बाद से शेयरधारक हैं, भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। वह सक्रिय रूप से प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करते हैं  और पाकिस्तान की ISI के एजेंट गुलाम नबी फाई के साथ साठगांठ रखते हैं। यह भी पता चला कि गौतम नवलखा 1991 से प्रबीर पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था।’

इन लोगों ने निकाला अवैध रूप से भेजा गया विदेशी फंड

पुलिस ने कहा कि अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड को प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों – जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई), बप्पादित्य सिन्हा (वर्चुनेट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर) द्वारा निकाल लिया गया है। यह भी पता चला है कि ये राशि तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों गौतम नवलखा, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर, अभिसार शर्मा आदि को दी गई थी।

अरुणाचल और कश्मीर को भारत के नक्शे में न दिखाने का जिक्र

पुलिस को गुप्त सूचना मिली है कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम और नेविल रॉय सिंघम के स्वामित्व वाली शंघाई स्थित कम्पनी स्टारस्ट्रीम के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों ने मेल का आदान-प्रदान किया है, जो कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने के उनके इरादे को उजागर करता है। पुलिस के मुताबिक इन लोगों के ऐसे प्रयासों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर यह कहानी फैलाने की उनकी साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं।

किसान आंदोलन और कोविड-19 में भी साजिश

पुलिस का यह भी कहना है कि आरोपितों ने अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से भारत में लोगों की आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने और किसानों के विरोध को लंबा करके संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी साजिश रची। कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने के लिए झूठी कहानी प्रचारित की गई। यह पता चला कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक एक समूह के साथ साजिश रची थी। पीपुल्स डिस्पैच पोर्टल ने, जिसका स्वामित्व और रखरखाव पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के पास है, विदेशी फंड के बदले में पेड न्यूज के माध्यम से इन झूठी कहानियों को फैलाने का काम किया।

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