नई दिल्ली, 4 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को उस समय झटका लगा, जब शीर्ष अदालत ने गुरुवार को उनकी याचिका खारिज कर दी।
पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उनके (खेड़ा) खिलाफ आपराधिक काररवाई को रद करने से इनकार करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
दरअसल, खेड़ा ने फरवरी, 2023 में मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री को ‘नरेंद्र गौतम दास मोदी’ कहा था। भाजपा नेताओं एवं समर्थकों ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की थी और इसे उद्योगपति गौतम अडानी के संदर्भ के रूप में देखा गया था। हालांकि पीएम मोदी अपना पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी लिखते हैं। दामोदर दास उनके पिता का नाम है। कई राज्यों में लोग अपने पिता के नाम को मध्य नाम के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने खेड़ा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद से कहा, ‘आप माफी पर माफी मांगे जा रहे हैं। क्षमा करें, हम इच्छुक नहीं हैं।’ सुनवाई के दौरान, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि मामले में दायर आरोप पत्र के आधार पर खेड़ा की याचिका पर जवाब दाखिल किया गया है।
सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट से प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। हाई कोर्ट ने पिछले वर्ष 17 अगस्त को खेड़ा की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मामले के जांच अधिकारी ने जो सबूत जमा किए हैं, उनका मामले को रद करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका में आकलन नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने पीएम मोदी के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने के लिए असम और उत्तर प्रदेश में खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीन FIR को पिछले वर्ष 20 मार्च को मिला दिया था और उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाते हुए मामले को लखनऊ के हजरतगंज थाने में ट्रांसफर कर दिया था। लखनऊ की अदालत ने मामले में खेड़ा को जमानत दे दी थी। खेड़ा ने कथित बयानों के लिए अदालत में बिना शर्त माफीनामा दिया है।