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पाकिस्तान : इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से झटका, चीफ जस्टिस ने डिप्टी स्पीकर के फैसले को बताया गलत  

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इस्लामाबाद, 7 अप्रैल। सियासी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट की ओर से तगड़ा झटका लगा है। इस क्रम में देश की शीर्ष अदालत ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान डिप्टी स्पीकर द्वारा दिए गए फैसले को गलत ठहरा दिया है।

प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी का फैसला गलत था। स्मरण रहे कि सूरी ने पीएम इमरान खान के खिलाफ विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय हित देखने की बात कही

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, ‘असली सवाल यह है कि आगे क्या होता है।’ यह कहते हुए कि शीर्ष अदालत आज फैसला जारी करेगी, सीजेपी ने कहा, ‘हमें राष्ट्रीय हित को देखना होगा।’

फैसले की घोषणा से पहले परिसर के अंदर सुरक्षा कमांडो तैनात

शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय बड़ी पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। न्यायमूर्ति बंदियाल की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर, न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मजहर आलम और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से शाम 7.30 बजे दिए सुनाए जाने वाले फैसले की घोषणा से पहले परिसर के अंदर सुरक्षा कमांडो तैनात कर दिए गए।

मीडिया की खबरों के अनुसार  इससे पहले अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने तर्क दिया कि प्रधानमंत्री सबसे बड़े हितधारक थे और उनके पास राष्ट्रीय विधानसभा को भंग करने की शक्ति थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस जमाल खान मंडोखेल ने कहा कि भले ही डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने की घोषणा की, लेकिन स्पीकर असद कैसर ने इस फैसले पर हस्ताक्षर किए। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि संसदीय समिति की बैठक के रिकॉर्ड जो अदालत को सौंपे गए थे, यह साबित नहीं करते कि डिप्टी स्पीकर मौजूद थे या नहीं।

उल्लेखनीय है कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद इमरान की ही सिफारिश पर राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली भंग कर दी है और चुनाव आयोग से तीन माह के अंदर चुनाव कराने को कहा है। इसके बाद से ही पाकिस्तान में उथल-पुथल मची हुई है। विपक्ष ने आदेश को असंवैधानिक करार देते हुए जहां शीर्ष अदालत का रुख किया है। वहीं इमरान खान और उनके समर्थकों ने सरकार को सत्ता से हटाने के लिए विदेशी साजिश का आरोप लगाया है।

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