शिमला, 23 मार्च। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, जब पार्टी के छह बागी विधायक – सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, इंदर दत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो, राजेंद्र राणा और चैतन्य शर्मा हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।
राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद अयोग्य घोषित कर दिए गए थे ये विधायक
ये वही छह विधायक हैं, जिन्होंने बीते दिनों राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग की थी। उन्हें कांग्रेस के एक ह्विप की अवज्ञा करने के बाद विधायक पद से अयोग्य करार दिया गया था। इन विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद 68 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 40 से घटकर 33 रह गई है। सदन में भाजपा के 25 सदस्य हैं।
सुक्खू सरकार की तानाशाही से तंग आकर और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं, नीतियों एवं ऐतिहासिक विकास कार्यों से प्रभावित होकर कांग्रेस के 6 विधायक, श्री राजिंद्र राणा, श्री इंदर दत्त लखनपाल, श्री सुधीर शर्मा, श्री रवि… pic.twitter.com/aDauRnwVO3
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) March 23, 2024
रिक्त हुईं 6 विधानसभा सीटों पर एक जून को होंगे उपचुनाव
राज्य में कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद रिक्त हुईं छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव एक जून को होंगे। धर्मशाला, सुजानपुर, लाहौल एवं स्पीति, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ में उपचुनाव होंगे।
इस बीच कांग्रेस की ओर से अयोग्य करार दिए गए सभी छह विधायक आज अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गए। इन पूर्व विधायकों का पार्टी में स्वागत करते हुए ठाकुर ने कहा कि उनकी उपस्थिति से भाजपा और मजबूत होगी।
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर वादों को पूरा न करने का लगाया आरोप
अनुराग ठाकुर ने राज्य में कांग्रेस सरकार पर अपने वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया, जिससे लोगों के बीच आक्रोश है। ठाकुर ने कहा कि इन नेताओं ने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था, जो कांग्रेस के खिलाफ ‘जन आक्रोश’ को दर्शाता है। ये सभी कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और उन्हें हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपस्थित रहने तथा कटौती प्रस्ताव व बजट के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के एक ह्विप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था।
वहीं निर्वाचन आयोग ने इनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है और वे भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इन नौ विधायकों के समर्थन से राज्य की इकलौती सीट के लिए राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद संकट में आ गई थी। बहरहाल, सुक्खू की सरकार को अभी कोई खतरा नजर नहीं आता, लेकिन भाजपा उपचुनाव में जीत के साथ उनकी सरकार को गिराने की फिराक में है। उपचुनाव में भाजपा की जीत से सत्तारूढ़ पार्टी के खेमे में विधायकों की संख्या में कमी आ सकती है।
3 निर्दलीय विधायकों ने भी इस्तीफा दिया, भाजपा में होंगे शामिल
हिमाचल प्रदेश में हालिया राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने भी शुक्रवार को विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंप दिया। तीन निर्दलीय विधायकों – आशीष शर्मा (हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र), होशियार सिंह (देहरा) और के.एल. ठाकुर (नालागढ़) ने शुक्रवार को शिमला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से मुलाकात की और उसके बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया। होशियार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।’
स्मरण रहे कि तीनों निर्दलीय विधायकों ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा। हालांकि, बाद में जब कांग्रेस ने 40 विधायकों के साथ सरकार बनाई तो तीन निर्दलियों ने सरकार का समर्थन किया था।
निर्दलीय विधायकों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायकों और उनके परिवारों को निशाना बना रहे हैं और उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का आदेश दे रहे हैं। पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था।
हिमाचल में 7 मई को जारी की जाएगी अधिसूचना
हिमाचल प्रदेश के चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना सात मई को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 मई है। नामांकन की जांच के लिए 15 मई की तारीख तय की गई है, जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 16 मई है। नामांकन पत्रों की जांच 15 मई को होगी जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 मई होगी।
राज्य की चार लोकसभा सीट हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और शिमला (एससी) के लिए 56,38,422 मतदाता सातवें चरण में एक जून को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें से 28,79,200 पुरुष, 27,59,187 महिला और 35 लैंगिक रूप से तीसरे वर्ग के हैं। राज्य में 7,990 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से 425 को ‘संवेदनशील’ माना गया है।