लखनऊ, 26 मार्च। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि शविवार को सपा के प्रदेश कार्यालय में आहूत सपा विधायक दल की बैठक के निमित्त शिवपाल को निमंत्रण ही नहीं भेजा गया। उसी बैठक में अखिलेश को सपा विधायक दल का नेता चुना गया और अब वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में रहेंगे।
बगावती मूड में शिवपाल, जल्द ही उठाएंगे अगला कदम
गौरतलब है कि वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव से अपने रास्ते अलग कर लेने वाले शिवपाल सिंह यादव ने अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया बना ली थी। हालांकि इस बार चुनाव के पहले उन्होंने अखिलेश से अपने गिले-शिकवे दूर किए थे और अपनी पार्टी का सपा में विलय कर लिया था। लेकिन यह समझ से परे रहा कि समाजवादी पार्टी के ही सिंबल पर चुनाव जीतने वाले शिवपाल को पार्टी विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया। इससे नाराज शिवपाल अब जल्द ही अगला कदम उठाने जा रहे हैं।
‘मैं दो दिनों तक इंतजार करता रहा, लेकिन मुझे कोई फोन नहीं आया‘
लखनऊ में अपने आवास पर निमंत्रण मिलने का इंतजार करने के बाद अब वह इटावा जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय से फोन किया गया था, लेकिन मुझे कोई फोन नहीं आया। मैंने दो दिनों तक प्रतीक्षा की और इस बैठक के लिए अपने आगे के सभी कार्यक्रम को रद कर दिया था। इसके बाद भी मुझे आमंत्रित नहीं किया गया। मैं समाजवादी पार्टी से विधायक हूं, फिर भी विधायक दल की बैठक में मुझे आमंत्रित नहीं किया।’
‘राष्ट्रीय नेतृत्व ही बता सकता है कि मुझे क्यों नहीं बुलाया‘
शिवपाल यादव ने कहा कि वह तो समाजवादी पार्टी में सक्रिय हैं और विधायक भी समाजवादी पार्टी से ही हैं। उन्हें विधायक दल की बैठक में क्यों नहीं बुलाया गया, इसका उत्तर पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व ही दे सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के हार की भी समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने अगले कदम के बारे में कहा, ‘अभी बहुत समय है, जल्द ही आपको बताऊंगा।’
अखिलेश यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर उन्होंने कहा, ‘जब मुझे बैठक में ही नहीं बुलाया गया तो मैं इस विषय पर कुछ भी नहीं बोल सकता। इटावा जाकर जसवंतनगर की जनता के बीच अब कुछ समय बिताऊंगा।’