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संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) का सवाल – गणेश चतुर्थी का समय ही क्यों चुना?

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मुंबई, 31 अगस्त। केंद्र सरकार की ओर से अचानक संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सवाल खड़ा किया है। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और अरविंद सावंत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इस कृत्य को हिन्दू विरोधी करार दिया।

केंद्र सरकार का फैसला हिन्दू विरोधी कृत्य – प्रियंका चतुर्वेदी

प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मीडिया से कहा, ‘चोरी से प्रह्लाद जोशी ने निर्णय लिया कि संसद का स्पेशल सेशन 18 से 22 सितम्बर तक होगा। मेरा सवाल है कि गणेश चुतर्थी, जो कि भारत और खासकर महाराष्ट्र के लिए बहुत बड़ा हिन्दू त्योहार है, ऐसे में ये हिन्दू विरोधी जो काम हो रहा, वो क्यों हो रहा है? किस आधार पर निर्णय लिया गया है? ये तारीख क्यों चुनी गई? केंद्र सरकार और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी को इस सवाल का जवाब देना होगा। शीतकालीन सत्र होना है तो स्पेशल सेशन क्यों हो रहा है?

अरविंद सावंत बोले – उत्सव के दौरान सत्र, क्या यही बीजेपी का हिन्दुत्व है?

अरविंद सावंत ने भी भाजपा पर हमला करते हुए कहा, ‘संसद के इतिहास में किसी उत्सव के दौरान कोई सत्र नहीं हुआ है। जिन दिनों में गणपति उत्सव मनाया जाता है, उन दिनों बीजेपी ने सत्र रखा है। क्या यही बीजेपी का हिन्दुत्व है?’

राहुल गांधी ने कहा –घबराहट में बुलाया गया विशेष सत्र

इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी विशेष सत्र बुलाए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अडानी मामले का जिक्र करते हुए कहा, ‘ये घबराहट में किया गया फैसला है। इसी तरह के पैनिक में मेरी सदस्यता रद कर दी गई थी। ये मामले पीएम मोदी के बहुत ही नजदीक हैं। जब भी अडानी के मामले पर बात करते हैं, पीएम मोदी घबरा जाते हैं और नर्वस होने लगते हैं।’

विशेष सत्र के दौरान 18-22 सितम्बर के बीच 5 बैठकें होंगी

इसके पूर्व दिन में संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, ‘संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितम्बर को बुलाया गया है। इसमें पांच बैठकें होनी हैं। अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं।’

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