मुंबई, 28 जून। महाराष्ट्र की शिंदे कैबिनेट ने बुधवार को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति न्हावा शेवा ‘अटल सेतु’ करने का फैसला किया है। वहीं, वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। राज्य सरकार का यह निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की घोषणा के लगभग एक महीने बाद आया कि पुल का नाम सावरकर के नाम पर रखा जाएगा।
कैबिनेट मंत्री मुनगंटीवार बोले – नाम को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए
वरिष्ठ भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि नाम को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि नाम बदलने का काम देश की दो महान हस्तियों के नाम पर किया गया है। वीर सावरकर या विनायक दामोदर सावरकर एक हिन्दू राष्ट्रवादी नेता और फायरब्रांड क्रांतिकारी थे। वहीं, अटल बिहारी वाजपेई पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे।
अंधेरी के वर्सोवा को बांद्रा वर्ली सी लिंक से जोड़ेगा निर्माणाधीन वीर सावरकर सेतु
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक या वीर सवारकर सी लिंक मुंबई में एक निर्माणधीन पुल है। इसकी लंबाई 17.17 किलोमीटर है। यह पुल कोस्टल रोड के हिस्से के रूप में अंधेरी के उपनगर वर्सोवा को बांद्रा में बांद्रा वर्ली सी लिंक से जोड़ेगा। इस आठ लेन के सी लिंक से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और मुंबई उपनगरीय रेलवे की पश्चिमी लाइन पर ट्रैफिक कम होने की उम्मीद जताई जा रही है।
वर्तमान में वर्सोवा से बांद्रा जाने में पूरा एक घंटा लगता है, लेकिन इस पुल से निर्माण के बाद केवल आधे घंटे में यह दूरी तय कर ली जाएगी। इस पुल का निर्माण वर्ष 2018 में शुरू किया गया था, जो वर्ष 2026 में पूरा बनकर तैयार होगा। इस पुल की अनुमानित लागत 11 हजार 332 करोड़ रुपये आंकी गई है।