नई दिल्ली, 19 जुलाई। महाराष्ट्र की सत्ता गंवा चुके शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा झटका लगा, जब विधायक दल के बाद अब शिवसेना के संसदीय दल में भी विभाजन हो गया है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के निचले सदन में राहुल शेवाले को शिवसेना संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दी है।
12 सांसदों ने स्पीकर से शेवाले को संसदीय दल का नेता बनाने का अनुरोध किया था
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को यहां उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी के 12 लोकसभा सदस्यों ने ओम बिरला से राहुल शेवाले को संसदीय दल का नेता बनाने का अनुरोध किया था। लोकसभा में शिवसेना के 19 सदस्य हैं। यानी उद्धव ठाकरे गुट के पास अब महज सात सदस्य बचे हैं।
सीएम शिंदे ने कहा कि शिवसेना के सांसदों ने पार्टी संस्थापक बालासाहब ठाकरे के आदर्शों को बनाए रखने के उनके रुख का समर्थन किया है। शिंदे गुट के 12 लोकसभा सदस्य भी पत्रकार वार्ता में उनके साथ उपस्थित थे।
राहुल शेवाले बोले – उद्धव भाजपा से फिर जुड़ने के इच्छुक थे, लेकिन मुकर गए
लोकसभा में पार्टी के नए नेता राहुल शेवाले ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के इच्छुक थे, लेकिन अपनी बात से मुकर गए। हमने उद्धव ठाकरे से उपराष्ट्रपति पद के लिए मार्गरेट अल्वा का समर्थन नहीं करने के लिए भी कहा था, लेकिन हमारे विचारों को नजरअंदाज कर दिया गया।’
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे सहित शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों ने पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की थी और उनसे संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता को बदलने का अनुरोध किया था। पार्टी के फ्लोर लीडर विनायक राउत द्वारा स्पीकर को एक पत्र देने के एक दिन बाद शिवसेना के बागी सांसदों ने बिरला से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने प्रतिद्वंद्वी गुट के किसी भी प्रतिनिधित्व को उपकृत नहीं करने के लिए कहा।
शिंदे गुट के 12 सांसदों में से एक हेमंत गोडसे ने कहा कि शिवसेना के 12 लोकसभा सदस्यों ने अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और विनायक राउत के स्थान पर राहुल शेवाले को पार्टी के नेता के रूप में नियुक्त करने का अनुरोध किया। विनायक राउत ने सोमवार रात स्पीकर को सौंपे अपने पत्र में यह स्पष्ट किया था कि वह शिवसेना संसदीय दल के ‘विधिवत नियुक्त’ नेता थे और राजन विचारे मुख्य सचेतक थे।