नई दिल्ली, 13 अगस्त। बांग्लादेश में सत्तापलट के बीच अपने पद से इस्तीफा देने के बाद गत पिछले 10 दिनों से भारत के शरण में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में हिंसा पर मंगलवार को पहली बार चुप्पी तोड़ा और अवामी लीग के खिलाफ तख्तापलट को अपने पिता, बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान व देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कई शहीदों का घोर अपमान बताया।
पूर्व पीएम ने बेटे साजिब वाजेद के माध्यम से जारी किया बयान
अपने बेटे साजिब वाजेद के माध्यम से जारी एक बयान में शेख हसीना ने कहा, ‘राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान का घोर अपमान किया गया है, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, आत्म-पहचान प्राप्त की और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया।’
नागरिकों से 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने का किया आग्रह
शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से उन्हें हटाने के पीछे की ताकतों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया है। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं।’ अवामी लीग प्रमुख ने इसके साथ ही बांग्लादेशी नागरिकों से शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की सालगिरह पर 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित सम्मान और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना करके सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।’
बांग्लादेश में जारी हिंसा और लोगों की जान जाने पर भी जताई चिंता
पूर्व पीएम ने बांग्लादेश में जारी हिंसा और लोगों की जान जाने पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद और हिंसा के कारण छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं और निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मैं उन लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं, जो मेरी तरह अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं।’
हत्याओं और बर्बरता के लिए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त काररवाई हो
शेख हसीना ने देश में हत्याओं और बर्बरता के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त काररवाई की भी मांग की। उन्होंने कहा, ‘मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए शोक व्यक्त करती हूं और प्रार्थना करती हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जो मेरे जैसे अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं मांग करती हूं कि इन हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों की उचित जांच की जाए, दोषियों की पहचान की जाए और उन्हें सजा दी जाए।’
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में शेख हसीना का 15 वर्षों का कार्यकाल गत पांच अगस्त को उनके इस्तीफे और देश से चले जाने के बाद अचानक समाप्त हो गया। यह निर्णय उनकी सरकार के खिलाफ बढ़ते हिंसक विरोध के बीच लिया गया। फिलहाल हसीना के भारत में सुरक्षित स्थान पर होने की खबर है।