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शारदीय नवरात्र इस बार 8 दिनों का होगा, डोली पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा 

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नई दिल्ली, 29 सितम्बर। शारदीय नवरात्र की शुरुआत हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है और इस वर्ष यह तिथि सात अक्टूबर को पड़ रही है। सात से 14 अक्टूबर के बीच नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग नौ शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाएगी और 15 अक्टूबर को विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा।

एक तिथि की हानि, पंचमी और पष्ठी एक ही दिन

हालांकि इस बार एक तिथि की हानि होने से शारदीय नवरात्र नौ की बजाय आठ दिनों का रहेगा क्योंकि पंचमी और षष्ठी एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को पड़ रही है। 11 अक्टूबर दिन सोमवार को पंचमी सुबह 6 बजकर 29 मिनट तक रहेगी, इसके बाद षष्ठी शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन 12 अक्टूबर दिन मंगलवार को भोर में चार बज कर पांच मिनट तक रहेगी। इसलिए 11 अक्टूबर को ही मां स्कंदमाता और मां कात्यायनी की आराधना की जाएगी।

हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रति वर्ष चार बार – पौष, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन माह में नवरात्र आते हैं। चैत्र और अश्विन मास में आने वाले नवरात्र प्रमुख होते हैं जबकि पौष और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र के रूप में मनाए जाते हैं। चूंकि अश्विन माह से शरद ऋतु की शुरुआत होने लगती है, इसलिए इस नवरात्र को शारदीय नवरात्र के नाम से जाना जाता है।

देवी भाग्वत पुराण में बताया गया है कि वार के अनुसार मां दुर्गा किस चीज की सवारी करके पृथ्वी लोक में आएंगी। यदि नवरात्र की शुरुआत सोमवार या रविवार से होती है तो माता हाथी पर सवार होकर आएंगी। शनिवार और मंगलवार को माता अश्व पर सवार होकर आती हैं। वहीं यदि नवरात्र की शुरुआत गुरुवार या शुक्रवार से होती है तो माता डोली पर सवार होकर आएंगी। इस साल नवरात्र गुरुवार से प्रारंभ हो रहा है, लिहाजा मां डोली पर सवार होकर आएंगी।

शारदीय नवरात्र का शुभ मुहूर्त

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ : 6 अक्टूबर शाम 4 बजकर 35 मिनट से शुरू।

प्रतिपदा तिथि समाप्त : 7 अक्टूबर दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक।

घटस्थापना का मुहूर्त : 7 अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक।

शारदीय नवरात्रि 2021 तिथियां

7 अक्टूबर – मां शैलपुत्री की पूजा।

8 अक्टूबर – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा।

9 अक्टूबर – मां चंद्रघंटा की पूजा।

10 अक्टूबर – मां कुष्मांडा की पूजा।

11 अक्टूबर –  मां स्कंदमाता और मां कात्यायनी की पूजा।

12 अक्टूबर  –  मां कालरात्रि की पूजा।

13 अक्टूबर – मां महागौरी की पूजा।

14 अक्टूबर – मां सिद्धिदात्री की पूजा।

15 अक्टूबर – दशमी तिथि, विजयादशमी या दशहरा।

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