पटना, 17 मार्च। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव अब अपनी पार्टी लोकतांत्रित जनता दल (लोजद) का लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में विलय कराने जा रहे हैं। शरद यादव ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी और बताया कि दिल्ली में सात, तुगलक रोड स्थित उनके आवास पर 20 मार्च को इस निमित्त औपचारिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मौजूदा राजनीतिक स्थिति में बिखरे हुए जनता परिवार को साथ लाना जरूरी
74 वर्ष की अवस्था पार कर चुके शरद यादव ने कहा कि देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुए जनता परिवार को साथ लाने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है। इसलिए वह अपनी पार्टी का राजद में विलय करके लालू और तेजस्वी यादव को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि लोग अब एक मजबूत विपक्ष की ओर झांक रहे हैं। वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि बिखरे हुए जनता परिवार को फिर एकजुट किया जा सके।
जदयू से अलग होकर 2018 में बनाई थी अपनी पार्टी
गौरतलब है कि शरद यादव ने बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेट (जदयू) से अलग होकर 2018 में अपनी पार्टी लोजद का गठन कर लिया था, जब नीतीश महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में आ गए थे।
स्वास्थ्यगत कारणों से पार्टी को नहीं बढ़ा सके आगे
लोजद प्रमुख शरद यादव ने कहा कि अपने स्वास्थ्य की वजह से वह पार्टी को काफी समय तक आगे नहीं बढ़ा सके। शरद यादव की अब सेहत भी नासाज रहती है। उनसे भेंट-मुलाकात के लिए जीतन राम मांझी व तेजस्वी यादव भी पहले जा चुके हैं।
मौजदा केंद्र सरकार पूरी तरह फेल, लेकिन जनता के पास कोई विकल्प नहीं
शरद यादव ने भाजपानीत एनडीए सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि वर्तमान की केंद्र सरकार पूरी तरह फेल है। जनता यह मानती भी है, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है। लोग मजबूत विपक्ष के इंतजार में हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में आम आदमी पार्टी की भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि एक समय था, जब 1989 में अकेले जनता दल के पास 143 सीटें थी। मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद जनता दल परिवार की विभिन्न सरकारों के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका रही और इसका असर भी दिखा। देश में वंचित वर्गों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में काफी उत्थान हुआ। लेकिन जैसे-जैसे जनता दल परिवार बिखरता गया, वैसे-वैसे देखा गया कि सत्ता में रहने वाली सरकारों ने संविधान प्रदत्त आरक्षण नीति के कार्यान्वयन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया।
हाई कोर्ट ने दे रखा है सरकारी बंगला खाली करने का आदेश
इस बीच शरद यादव के सामने एक नई समस्या सामने आ गई है कि हाई कोर्ट ने उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मांग कर दी थी कि राजद की ओर से उन्हें राज्यसभा भेजा जाए।