छत्रपति संभाजीनगर, 16 अगस्त। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंगलवार को लाल किले से संबोधित करते हुए ‘मैं दोबारा आऊंगा’ का नारा दिया। यह सीख मोदी ने शायद देवेंद्र फडणवीस से ली है। लेकिन, देश की जनता केन्द्र व राज्य से भाजपा को नेस्तनाबूद करने का मन बना चुकी है। ऐसे में मोदी का ‘मैं दोबारा आऊंगा’ का नारा नाकाम होना तय है। अगर, वह सत्ता में आए तो भी उनकी स्थिति फडणवीस जैसी निचले स्तर के पद पर होगी।” राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए ऐसी ही टिप्पणी की है।
पीएम ने फडणवीस से ली ‘मैं दोबारा आऊंगा‘ की सीख
बीते दो दिनों से छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) दौरे पर आए वयोवृद्ध एनसीपी नेता शरद पवार ने यहां प्रेस वार्ता में मोदी सरकार की कई खामियां उजागर करते हुए दावा किया कि वर्तमान में देश के कई राज्यों भाजपा सत्ता से बाहर है। मणिपुर में महिलाओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार से देश की जनता शर्मसार है। ऐसे में देश की जनता ने आगामी वर्ष होने वाले लोकसभा व महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से उखाड फेंकने का निश्चय किया है।
सीनियर पवार ने देश के महत्वपूर्ण राज्यों में भाजपा की सत्ता न होने की संख्या गिनाते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपा को यह एहसास हो चुका है कि उसे आगामी चुनावों में सफलता नहीं मिलेंगी, इसीलिए मोदी सरकार ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर विरोधियों को अड़चनो में लाने का काम शुरू किया है। उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को तीसरी बार सत्ता पाने जैसी अनुकूल स्थिति नहीं है।
ईडी तय कर रहा राजनीतिक निर्णय
बीते कुछ सालों से देश में केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की बढ़ती काररवाइयों पर एनसीपी प्रमुख ने चिंता जताते हुए कहा कि पहले राजनीतिक निर्णय प्रमुख दलों के नेता लिया करते थे। परंतु, वर्तमान में हालत ये बने हैं कि राजनीतिक निर्णय ईडी ले रहा है। यह देश के लिए एक चिंता का विषय है।
एनसीपी के कुछ नेताओं को जेल में डालने के निर्णयों पर शरद पवार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपा का विरोधियों की ओर देखने का दृष्टिकोन अलग है। ऐसे में सभी विरोधी दलों ने इंडिया की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिय़ा के नेता संघर्ष कर हमारे फेवर में जनमत तैयार कर मोदी को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे।
‘पार्टी चिह्न छिन भी गया तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा‘
पवार ने बताया, ‘अजीत पवार के एनसीपी से बाहर जाने के बाद चुनाव आयोग ने मुझे पत्र लिखकर चिह्न को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। हमने उसको लेकर जवाब भी दिया है। हालांकि चिह्न को लेकर जिस तरह उद्धव ठाकरे की शिवसेना के साथ निर्णय लिया गया, उसी तरह का निर्णय हमारे साथ हो सकता है। लेकिन, चिह्न जाने से हमें कोई फर्क नहीं पडेगा। मैंने आज तक 14 चुनाव लड़े। उसमें कई चुनाव अलग-अलग चिह्न पर लड़े और मुझे जीत मिली। ऐसे में मेरा मानना है कि चुनाव आयोग ने यदि एनसीपी का चिह्न छीना भी तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।’
मणिपुर की घटनाओं पर पीएम मोदी की अनदेखी पर जताई चिंता
शरद पवार ने बीते कुछ माह से मणिपुर में महिलाओं पर जारी अत्याचार, वहां जारी दंगे तथा लूटमार पर चिंता जताते हुए कहा कि वहां हो रही घटनाओं से देशवासी चिंतित हैं। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए भाषण में पीएम मोदी ने मणिपुर की घटनाओं का कोई जिक्र तक नहीं किया। सदन में भी वह मणिपुर पर सिर्फ 15 मिनट बोले। इससे यह साफ है कि केन्द्र को मणिपुर में हो रही घटनाओं की कोई चिंता नहीं है। आज मणिपुर में पुलिस पर हमले जारी है। वैसे, देश का नॉर्थ ईस्ट देश के सभी हिस्सों में से काफी महत्वपूर्ण व संवेदनशील है क्योंकि उस इलाके से सटी चीन की सीमाएं हैं। वहां हो रही घटनाएं देश की एकता के लिए घातक है।
पवार ने कहा कि देश में परिस्थिति काफी गंभीर बनती जा रही है। साम्प्रदायिक तनाव पैदा कर समाज-समाज में कटुता पैदा की जा रही है। ऐसे में इंडिया के घटक दलों ने देश में बढ़ते साम्प्रदायिक तनाव को कम करने के लिए जनमत तैयार करने का निर्णय लिया है। इसको लेकर 31 अगस्त को इंडिया की बैठक मुंबई में आयोजित की गई है। इस बैठक में सामूहिक रुप से मोदी सरकार के खिलाफ लडाई शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा।
‘पारिवारिक विषय पर अजित पवार मुझसे मिले‘
पुणे के एक उद्योगपति के घर पर राज्य के उप मुख्यमंत्री और भतीजे अजित पवार से गुपचुप मुलाकात को लेकर पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने माना, ‘अजित पवार से हमारी भेंट हुई। यह भेंट पारिवारिक विषय को लेकर थी। इस भेंट में राजनीतिक कोई चर्चा नहीं हुई।’
पत्रकारों ने चाचा व भतीजे की भेंट पर कई सवाल पूछे, लेकिन शरद पवार ने उन सवालों को टालते हुए साफ किया, ‘राजनीति अलग है, लेकिन हम पारिवारिक प्रशन मिलकर हल करते हैं। उसी वजह से अजित पवार मुझसे मिले।’ प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री राजेश टोपे, एनसीपी प्रवक्ता महेश तपासे, एनसीपी के जिलाध्यक्ष पांडुरंग तायडे पाटिल सहित अन्य नेता उपस्थित थे।