नई दिल्ली, 14 जून। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने आगामी 18 जुलाई को प्रस्तावित राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। ऐसी चर्चा थी कि संयुक्त विपक्ष शरद पवार को अपना उम्मीदवार बना सकता है।
फिलहाल शरद पवार ने अपने नेताओं और मंत्रियों के साथ बैठक में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर अपने नाम की चर्चाओं को खारिज करते हुए कहा कि वह विपक्ष का उम्मीदवार नहीं बनेंगे। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि वह भाजपा के खिलाफ आम सहमति के उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्षी और समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत करने में सबसे आगे होंगे।
दिलचस्प तो यह है कि 81 वर्षीय पवार को महाराष्ट्र कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने विपक्ष की पसंद के रूप अपना समर्थन दिया था। बीते रविवार को ‘आप’ सांसद संजय सिंह ने इस बाबत चर्चा के लिए शरद पवार से मुलाकात भी की थी।
टीएमसी प्रमुख ममता की बैठक में शामिल होंगे शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल
इस बीच पवार और राकांपा सांसद प्रफुल्ल पटेल 15 जून को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिल्ली में आहूत विपक्षी और समान विचारधारा वाले दलों की बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में आम सहमति से भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ विपक्ष के किसी गंभीर उम्मीदवार के नाम पर चर्चा की जाएगी। बैठक के ही सिलसिले में पवार और प्रफुल्ल पटेल इस समय दिल्ली में हैं। पवार ने विपक्षी और समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं के साथ कई बैठकें भी की हैं।
एनसीपी विपक्ष द्वारा अंतिम रूप दिए गए उम्मीदवार का समर्थन करेगी : पवार
मुंबई में पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौजूद राकांपा के एक मंत्री ने मीडिया को बताया, ‘हमारी पार्टी के अध्यक्ष ने आज पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया कि वह विपक्ष के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए तैयार नहीं हैं। इसकी बजाय उन्होंने कहा है कि वह भाजपा के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संयुक्त रणनीति और आम सहमति के उम्मीदवार को मजबूत करने के लिए विपक्षी और समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत करेंगे। हमारे अध्यक्ष ने यह भी कहा कि एनसीपी के देश में बहुत कम सांसद और विधायक हैं और पार्टी विपक्ष और समान विचारधारा वाले दलों द्वारा अंतिम रूप दिए गए उम्मीदवार का समर्थन करेगी।’
पवार पिछले वर्ष भी खारिज कर चुके हैं खुद की उम्मीदवारी
वस्तुतः एनसीपी पिछले साल से ही स्पष्ट करती आ रही है कि शरद पवार के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार होने की खबरें निराधार हैं। जून, 2021 में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ बैठक के बाद पवार ने कहा था, यह झूठ बात है कि वह राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार होंगे।
इसके अलावा पवार ने यह भी कहा था, ‘अकेले लोकसभा में भाजपा के 300 से अधिक सांसद हैं। मुझे पता है कि जिस पार्टी के 300 से ज्यादा सांसद हैं, उसे देखते हुए नतीजा क्या होगा। मैं राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार नहीं बनूंगा।’
2019 में पवार की आम सहमति की कोशिश नाकाम रही थी
उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले यह पवार ही थे, जिन्होंने ‘आप’ और कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए एक सहमति बनाने का आग्रह किया था। हालांकि, बात नहीं बन पाई। दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में ‘आप’ और कांग्रेस एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा। चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दलों ने अब तक किसी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। राष्ट्रपति पद के लिए 2017 में हुए चुनाव में विपक्षी दलों ने मीरा कुमार का समर्थन करके चुनाव लड़ा था, जो रामनाथ कोविंद से हार गई थीं।