मुंबई, 2 जुलाई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में रविवार को नाटकीय अंदाज में हुई बगावत के बाद पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने इसे लूट की संज्ञा दी है। हालांकि वयोवृद्ध नेता ने यह भी कहा कि वह इसके चिंतित नहीं है और एक बार फिर से पार्टी खड़ी करके दिखाएंगे।
उल्लेखनीय है कि राकांपा नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता विपक्ष अजित पवार ने चाचा शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए अपने 30 समर्थक विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार से हाथ मिला लिया और आनन-फानन में राज्य के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। अजित पवार के साथ राकांपा के अन्य आठ नेताओं को भी मंत्री पद की शपथ ली।
‘यह पार्टी मैंने बनाई थी, ऐसी बगावत मैंने पहले भी देखी है‘
सुप्रीमो शरद पवार इस घटनाक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि एनसीपी किसकी है, यह लोग तय करेंगे। उन्होंने कहा, ‘यह पार्टी मैंने बनाई थी। ऐसी बगावत मैंने पहले भी देखी है। मेरे साथ पहले भी ऐसा हो चुका है, मैं फिर पार्टी खड़ी करके दिखाऊंगा। पार्टी के कार्यकर्ता मेरे साथ हैं। मैं महाराष्ट्र में घूमकर जनमत बनाऊंगा।’
‘पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर काररवाई होगी‘
अजित पवार के महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में शामिल होने पर पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा, ‘ये गुगली नहीं है, ये रॉबरी है। ये छोटी बात नहीं है। पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर काररवाई होगी। मैंने छह जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन उससे पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है।’
प्रफुल्ल पटेल और तटकरे के खिलाफ काररवाई करनी पड़ेगी
शरद पवार ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल और तटकरे के खिलाफ काररवाई करनी पड़ेगी क्योंकि उन्होंने पार्टी विरोधी कार्य किया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज जो हुआ, वह एनसीपी की नीति में नहीं है।’
‘मेरे जो साथी सरकार में शामिल हुए, वे आरोप मुक्त हो गए हैं‘
सीनियर पवार ने कहा, ‘दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एनसीपी के बारे कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है। उनके सरकार (महाराष्ट्र) में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं।’
‘1980 में बगावत के बाद मैं खड़ी कर चुका हूं पार्टी‘
उन्होंने कहा, ‘आज की बगावत मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल छह विधायक बचे। लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा, वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए।
शरद पवार ने कहा, ‘मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ, मुझे उसकी चिंता नहीं है। कल मैं वाई.बी. चह्वाण (महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा।’