मुंबई, 17 जुलाई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने बागी भतीजे और महाराष्ट्र के मौजूदा डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकात के बाद साफ शब्दों में कह दिया है कि वह किसी भी कीमत पर भाजपा के साथ नहीं खड़े होंगे।
उल्लेखनीय है कि अजित पवार व प्रफुल्ल पटेल समेत पार्टी के अन्य बागी नेताओं ने विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले रविवार को यहां वाईबी चह्वाण केंद्र में 82 वर्षीय शरद पवार ने मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद खुद प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि वे लोग अपने आदर्श शरद पवार से आशीर्वाद लेने गए थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उन्होंने शरद पवार के पैर छूकर भाजपा से हाथ मिलाने और एनसीपी के गुटों को एकजुट करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘शरद पवार ने मेरी प्रार्थना का कोई जवाब नहीं दिया, वह बस सुन रहे थे, जो हम सभी कह रहे थे।’
विपक्षी दलों के साथ खड़े होकर ‘प्रगतिशील राजनीति‘ करेंगे सीनियर पवार
फिलहाल इस प्रकरण के कुछ ही घंट बाद शरद पवार ने एनसीपी की यूथ विंग के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसी भी मूल्य पर भाजपा को समर्थन नहीं दे सकते हैं और विपक्षी दलों के साथ खड़े होकर देश के लिए ‘प्रगतिशील राजनीति’ करेंगे। उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथ जाने का सवाल नहीं पैदा होता, वह केवल बंटवारे की राजनीति कर रही है और एनसीपी को इस देश में एकता की राजनीति करनी है।’
‘देश की भलाई और विकास के लिए विपक्षी दलों के साथ खड़ा हूं‘
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भतीजे अजित पवार द्वारा पार्टी तोड़े जाने से बेहद आहत नजर आ रहे शरद पवार ने साफ कहा कि उनका रास्ता स्पष्ट है और वह भाजपा खेमे की ओर नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि वह देश की भलाई और विकास के लिए विपक्षी दलों के साथ खड़े हैं और प्रगतिशील राजनीति करते हुए भाजपा का विरोध जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि एनसीपी में विभाजन के बाद अजित पवार ने मुंबई में बागी विधायकों की पहली बैठक की, जिसमें पार्टी के 35 विधायक और आठ में से पांच एमएलसी पहुंचे थे। हालांकि, अजित पवार के समर्थक विधायकों की सही संख्या अब भी स्पष्ट नहीं है। वैसे एनसीपी के कुल विधायकों की संख्या 53 है।