मुंबई, 5 नवम्बर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र चुनाव के बीच संकेत दिया है कि वह केंद्रीय राजनीति से संन्यास ले सकते हैं। मंगलवार को बारामती में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सीनियर पवार ने खुलासा किया कि राज्यसभा में उनका मौजूदा कार्यकाल अभी डेढ़ साल बाकी है और कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह तय करेंगे कि उन्हें दूसरा कार्यकाल चाहिए या नहीं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष पार्टी में फूट की हलचलों के बीच शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि काफी दवाब और मान-मनौव्वल के बाद उन्होंने दोबारार अध्यक्ष पद संभाल लिया था। लेकिन जल्द ही भतीजे अजित पवार पार्टी तोड़कर कई विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे। शिवसेना (शिंदे गुट) व भाजपा की महायुति सरकार में अजित पवार तब से उप मुख्यमंत्री हैं।
उधर शरद पवार ने एक अन्य घोषणा के तहत पिछले लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी पेश नहीं की और उनकी जगह बारामती सीट से बेटी सुप्रिया सुले चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचीं। अब सीनियर पवार ने राजनीति से संन्यास का संकेत दिया है।
भतीजे योगेंद्र का प्रचार करने बारामती पहुंचे थे
मराठा राजनीति की वर्षों तक धुरी माने जाने वाले 84 वर्षीय शरद पवार ने उच्च सदन से संभावित बाहर निकलने का संकेत देते हुए कहा, ‘मुझे सोचना होगा कि मुझे फिर से राज्यसभा जाना है या नहीं।’ उन्होंने अपने भतीजे युगेंद्र पवार के लिए चुनाव प्रचार के दौरान यह बात कही। योगेंद्र 20 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने चाचा अजित पवार को टक्कर देंगे।
देखा जाए तो शरद पवार ने न सिर्फ महाराष्ट्र के भीतर बल्कि राष्ट्रीय मंच पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शरद पवार के केंद्रीय राजनीति से संभावित रूप से अलग होने से महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि एनसीपी आगामी राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है। पार्टी के नेता और समर्थक शरद पवार के हालिया सार्वजनिक भाषणों पर उनकी दीर्घकालिक योजनाओं पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
बारामती में अजित पवार के कार्यों की भी सराहना की
खैर, शरद पवार ने लोगों को संबोधित करते हुए बारामती में अजित पवार के कार्यों की भी सराहना की और उनके योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ‘आपने मुझे एक या दो बार नहीं बल्कि चार बार मुख्यमंत्री बनाया। महाराष्ट्र के लिए काम करने से पहले मैंने 25 साल तक यहां काम किया। मैंने सभी स्थानीय शक्तियां अजित दादा को सौंप दीं थीं। अजित पवार ने भी 25 से 30 साल तक इस क्षेत्र में काम किया और उनके काम पर कोई संदेह नहीं है।’
इस क्षेत्र के विकास के लिए एक नए नेता की जरूरत
शरद पवार ने जोर देकर कहा कि अगले तीन दशकों में इस क्षेत्र के विकास के लिए एक नए नेता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में बारामती लोकसभा सीट के लिए मुकाबला कठिन था क्योंकि यह परिवार के भीतर लड़ा गया था और अब पांच महीने बाद क्षेत्र के लोग एक बार फिर इसी तरह का मुकाबला देखेंगे। ज्ञातव्य है कि बारामती की सांसद सुप्रिया सुले ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी भाभी और अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को शिकस्त दी थी।