मुंबई, 3 जुलाई। अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से बगावत और शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होने के बाद महाराष्ट्र में राजनीति हलचल तेज है। इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ी काररवाई करते हुए सोमवार को सांसद सुनील तटकरे और कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से निकालने की घोषणा कर दी।
दरअसल, शरद पवार ने यह कदम अजित पवार के एकनाथ शिंदे – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री शामिल होने के बाद उठाया है। प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के चलते निष्कासित किया गया है।
राकांपा प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी विरोधियों गतिविधियों की वजह से सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल को राकांपा पार्टी सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं।’ उन्होंने साथ ही राज्यसभा सदस्य पटेल को भी टैग किया जिन्हें पिछले महीने ही राकांपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। पवार ने तटकरे को भी अपने ट्वीट में टैग किया है।
I, as the National President, Nationalist Congress Party hereby order removal of the names of Shri Sunil Tatkare and Shri Praful Patel from the Register of Members of NCP Party for anti-party activities.@praful_patel @SunilTatkare
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) July 3, 2023
शरद पवार ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं की हरकतों की परवाह किए बिना राकांपा को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं के विश्वास को बढ़ाने के लिए राज्यव्यापी यात्रा शुरू की है। उन्होंने यह भी कहा, ‘मेरे पास पहले विधायकों के जाने के 2-3 पुराने अनुभव हैं, आगे नतीजे अच्छे होंगे।’
‘यह कहना तुच्छ बात है कि अजित के विद्रोह को मेरा आशीर्वाद प्राप्त था‘
सीनियर पवार ने इन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि उनके भतीजे अजित पवार के विद्रोह को उनका आशीर्वाद प्राप्त है। यह पूछे जाने पर कि रविवार को अजित पवार द्वारा किए गए विद्रोह को क्या उनका आशीर्वाद प्राप्त था, तो राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘यह कहना तुच्छ बात है। केवल तुच्छ और अल्पबुद्धि वाले ही ऐसा कह सकते हैं। मैं राज्य के दौरे पर निकला हूं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करूंगा। कुछ नेताओं ने जो किया है, उससे कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना चाहिए।’