नई दिल्ली, 6 जुलाई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार के राष्ट्रीय राजधानी स्थित आवास पर गुरुवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, जहां शरद पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बैठक में कुल आठ प्रस्ताव पारित किए गए। इसी क्रम में प्रफुल्ल पटेल व सुनील तटकरे के अलावा एनडीए से हाथ मिलाने वाले अजित पवार सहित नौ विधायकों को निष्कासित कर दिया गया है।
शरद पवार बोले – ‘एनसीपी अध्यक्ष मैं ही हूं, अब भी प्रभावी हूं‘
बैठक के बाद शरद पवार ने मीडिया से कहा, ‘आज की बैठक ने हमारा मनोबल बढ़ाने में मदद की। मैं ही एनसीपी का अध्यक्ष हूं। चाहे मैं 82 साल का हो जाऊं या 92 का, मैं अब भी प्रभावी हूं। अब जो भी कहना है, हम भारत के चुनाव आयोग के सामने कहेंगे।’
सीनियर पवार ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि जिन लोगों को निष्कासित किया, उनको छोड़कर बाकी अन्य लोग इतने कम समय में बैठक के लिए आए। हमारे सभी साथियों की मानसिकता पार्टी को मजबूती से आगे ले जाने की रही। मुझे खुशी है कि आज की बैठक हमारा हौसला बढ़ाने के लिए मददगार होगी… मैं ही NCP का अध्यक्ष हूं, अगर कोई ऐसा दावा कर रहा है तो उसमें कोई सच्चाई नहीं है।’
महाराष्ट्र में होगी एमवीए की हुकूमत
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘यह जो भी कुछ हो रहा है उससे मुझे खुशी है क्योंकि लोगों को वादा कर उनके वोट हासिल करने के बाद जो गलत रास्ते पर गए, उन्हें इसकी जबर्दस्त कीमत देनी पड़ेगी। राज्य की स्थिति बदलेगी। वहां राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना यानी एमवीए को महाराष्ट्र की जनता हुकूमत देगी।’
बैठक में कुल 8 प्रस्ताव पारित
कार्यकारिणी बैठक पर पार्टी के केरल अध्यक्ष पी. सी. चाको ने कहा, ‘हमारी राष्ट्रीय कमेटी तालकटोरा स्टेडियम में मिली थी, जिसमें शरद पवार जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित किया है… पार्टी की 27 इकाइयां हैं। इन सभी 27 राज्य इकाइयों ने NCP के साथ रहने की बात कही है। किसी भी एक इकाई ने यह नहीं कहा कि वह शरद पवार के साथ नहीं हैं। पार्टी की कार्यसमिति ने आज 8 प्रस्ताव पारित किए हैं। साथ ही प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और एनडीए से हाथ मिलाने वाले नौ विधायकों को निष्कासित करने के शरद पवार के फैसले को मंजूरी दी है।’
गौरतलब है कि गत दो जुलाई को एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने पार्टी में विभाजन का नेतृत्व करते हुए सत्तारूढ़ सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। अजित पवार के अलावा छगन भुजबल और हसन मुशरिफ समेत राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार गुट ने दावा किया है कि पार्टी के कुल 53 विधायकों में से 40 विधायकों का उन्हें समर्थन प्राप्त है। इसके बाद अजित पवार ने पांच जुलाई को शक्ति प्रदर्शन किया था। इस दौरान उन्हें 31 विधायकों का ही समर्थन मिला था।