भोपाल, 11 सितम्बर। हिन्दू धर्मावलम्बियों के ख्यातिलब्ध गुरुओं में एक और द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद रविवार को ब्रह्मलीन हो गए। 98 वर्षीय स्वामी स्वरूपानंद ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में गोटेगांव के पास स्थित झोतेश्वर आश्रम में अंतिम सांस ली।
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में जन्मे स्वरूपानंद सरस्वती 1982 में गुजरात में द्वारका, शारदा पीठ और बद्रीनाथ में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य बने थे। स्वामी स्वरूपानंद का हाल ही में जन्मदिवस मनाया गया था। उस अवसर पर उनके लाखों अनन्य भक्तों में एक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जाकर उन्हें बधाई दी और उनका आशीर्वाद लिया था। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के पास बद्री आश्रम और द्वारकापीठ की जिम्मेदारी थी।
पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे स्वामी स्वरूपानंद
बताया जाता है कि स्वामी स्वरूपानंद पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका झोतेश्वर आश्रम में ही इलाज चल रहा था। आज दोपहर बाद अपने आश्रम में उन्होंने अंतिम सांस ली। स्वरूपानंद के आखिरी समय में आश्रम में रहने वाले उनके शिष्य उनके पास थे।
भक्तों में शोक की लहर, आश्रम पर जुड़ने लगी भीड़
स्वामी स्वरूपानंद के ब्रह्मलीन होने की खबर जैसे ही बाहर आई, भक्तों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। आश्रम पर उनके भक्तों की भीड़ जुटने लगी है। काफी संख्या में लोग झोतेश्वर आश्रम पर पहुंच गए हैं।
पीएम मोदी सहित अन्य नेताओं ने जताई शोक संवेदना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देशभर के नेताओं ने स्वामी स्वरूपानंद के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की की है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!’
द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2022
राहुल गांधी : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है। उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। सादर श्रद्धांजलि।’
पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है।
उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।
सादर श्रद्धांजलि। pic.twitter.com/u6ycHjuZHN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 11, 2022
शिवराज सिंह चौहान : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया – ‘भगवान शंकराचार्य द्वारा स्थापित पश्चिम आम्नाय श्रीशारदापीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राणांत की सूचना अत्यंत दुःखद है। पूज्य स्वामी जी सनातन धर्म के शलाका पुरुष एवं सन्यास परम्परा के सूर्य थे।’
हमारे पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोक गमन की खबर मेरे लिए गहरे आघात जैसी है और बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। वे मेरे मार्गदर्शक तो थे ही, मेरे बहुत बड़े शुभचिंतक भी थे। मैं उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ॐ शांति। pic.twitter.com/qZadlmUZlg
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 11, 2022
दिग्विजय सिंह : स्वामी स्वरूपानंद परम शिष्यों में एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा – ‘हमारे पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के देवलोक गमन की खबर मेरे लिए गहरे आघात जैसी है और बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। वे मेरे मार्गदर्शक तो थे ही, मेरे बहुत बड़े शुभचिंतक भी थे। मैं उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ॐ शांति।’
…उदारता व सद्भावना पर उनके साथ चर्चा करने का मौका मिला। स्वामी जी ने मेरे पिता के रहते हुए 1990 में हमारी गृहप्रवेश की पूजा कराई थी।
ये पूरे समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस कठिन समय में स्वामी जी के अनुयायियों को कष्ट सहने का साहस दें।
ॐ शांति!
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 11, 2022
प्रियंका गांधी : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा – ‘जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के महाप्रयाण का समाचार सुनकर मन को भारी दुख पहुंचा। स्वामी जी ने धर्म, अध्यात्म व परमार्थ के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।’