नई दिल्ली, 28 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगत सिंह की जयंती पर गुरुवार (28 सितंबर 2023) को उनको श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा, शहीद भगत सिंह हमेशा न्याय और स्वतंत्रता के लिए भारत की अनवरत लड़ाई का प्रतीक रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कहा, ‘शहीद भगत सिंह का उनकी जयंती पर स्मरण कर रहा हूं। भारत की आजादी के लिए उनका बलिदान और अटूट समर्पण पीढ़ियों तक प्रेरित करता रहेगा। साहस की प्रतिमूर्ति के रूप में वह हमेशा न्याय और स्वतंत्रता के लिए भारत की अनवरत लड़ाई का प्रतीक रहेंगे।’
- भगत सिंह का जन्म कहां हुआ था?
बता दें कि क्रांतिकारी भगत सिंह का जन्म तब के संयुक्त पंजाब के लायलपुर जिले के बंगा गांव के क्रांतिकारी परिवार में मां विद्यावती के यहां हुआ था। वह क्रांतिकारी किशन सिंह की पत्नी और अजीत सिंह की भाभी थी। बच्चे के जन्म वाले दिन पिता और चाचा की जेल से रिहाई हुई थी इसी वजह से इनका नाम भागोंवाला अर्थात भाग्यवान माना जाने लगा। यही वजह रही कि उनका नाम भगत सिंह रखा गया।
- महज 23 साल की उम्र में एक दिन पहले दी गई फांसी
भगत सिंह को 1932 में समय 22 मार्च को ही समय से पहले फांसी दे दी गई थी। उनको फांसी देने के बाद पंजाब के कुछ हिस्सों में अशांति फैल गई थी। खुद ब्रिटिश सरकार ने उनको फांसी दिए जाने से पहले झुकाने की काफी कोशिशें की लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके। भगत सिंह के बहुत ही क्रांतिकारी विचार थे। वह लेनिन के विचारों के समर्थक थे।