इस्लामाबाद, 27 अगस्त। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार में योजना मंत्री अहसान इकबाल ने अपने देश में बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा दिया है। उनका कहना है कि भारत पानी को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है। भारत की ओर से रावी और सतलुज नदियों में छोड़े गए पानी की वजह से ही पाकिस्तान बाढ़ की चपेट में है।
रावी व सतलुज में छोड़े गए पानी की वजह से ही बाढ़ – अहसान इकबाल
इकबाल ने भारत पर यह आरोप ऐसे समय लगाया है, जब पाकिस्तान के पंजाब और पीओके में बाढ़ तबाही मचा रही है। सैकड़ों लोगों की जान बाढ़ की वजह से जा चुकी है। अब तक करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
भारत ने दो दिन पहले ही पाकिस्तान को आगाह किया था
मजेदार तथ्य यह है कि भारत ने दो दिन पूर्व ही तवी नदी में संभावित बाढ़ के बारे में पाकिस्तान को सूचित किया। हालांकि पहलगाम हमले के बाद से ही सिंधु जल संधि स्थगित है, फिर भी भारत ने पाकिस्तान के अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें संभावित खतरे के बारे में आगाह किया।
पानी को पाकिस्तान के खिलाफ हथियार बना रहा भारत
डेली टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अहसान इकबाल ने बुधवार को नारोवाल में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कहते हुए बिगड़े हालात का पूरा ठीकरा भारत पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि भारत अपने यहां जमा पानी छोड़ रहा है। इससे पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। ऐसा करते हुए भारत पानी को पाकिस्तान के खिलाफ हथियार बना रहा है।’
जानकारी नहीं देने का भारत पर लगाया आरोप
अहसान इकबाल ने यह भी कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि के तहत समय पर जानकारी साझा नहीं की। यदि भारत समय से जानकारी साझा करता तो नुकसान काफी कम होता। दिल्ली के इस रवैये से भारतीय सीमा के पास के पूरे इलाके बाढ़ क्षेत्र में बदल गए हैं। इकबाल ने इस दौरान सिंधु जल समझौता का जिक्र किया।
उल्लेखनीय है कि पहलगाम में गत 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया था। आमतौर पर बाढ़ की चेतावनी सिंधु जल आयोग के माध्यम से साझा की जाती रही है। अहसान का कहना है कि संधि के निबंलन की वजह से भारत से बाढ़ की जानकारी समय से नहीं मिल सकी।
पाकिस्तान में करतारपुर गलियारा बाढ़ में डूबा
वहीं पाकिस्तान के पंजाब में रावी नदी में बाढ़ के कारण गुरुद्वारा दरबार साहिब सहित करतारपुर कॉरिडोर जलमग्न हो गया है। यहां फंसे हुए लोगों को नावों और एक हेलीकॉप्टर से बचाया जा रहा है, जिनमें से ज़्यादातर करतारपुर परियोजना प्रबंधन इकाई के कर्मचारी हैं। करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान-भारत सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर है।
पंजाब में बाढ़ के खतरे को देखते हुए सेना को उतारा गया है। पंजाब के संवेदनशील इलाकों से 2,50,000 से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात बैठक की है। उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट रहने और चेतावनी प्रणाली में सुधार करने का निर्देश दिया है।

