Site icon Revoi.in

पाकिस्तान में दवाओं की जबर्दस्त कमी से आत्महत्या की दर बढ़ने का खतरा

Social Share

इस्लामाबाद 22 जुलाई। पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिरने और शहबाज शरीफ की सत्ता आने के बाद भी देश की हालत में कोई सुधार नहीं आया है। रोजमर्रा की चीजों के आसमान छूते दामों के बाद कई शहरों में दवाओं की जबर्दस्त कमी चल रही है, जिससे देश में आत्महत्या की दर में वृद्धि का भय पैदा हो रहा है। शहरों के बाजार सबसे ज्यादा लीथियम कार्बोनेट की कमी से जूझ रहे हैं। यह दवा मानसिक विकारों और इससे जुड़े रोगों में सबसे कारगार मानी जाती है।

पाकिस्तान मीडिया द न्यूज के मुताबिक, एक प्रसिद्ध मनोचिकित्सक और पाकिस्तान साइकियाट्रिक सोसाइटी (पीपीएस) के पूर्व अध्यक्ष ने इलाज के लिए सबसे प्रभावी दवा के रूप में काम वाले फॉर्मूलेशन का जिक्र करते हुए कहा, “पिछले कुछ महीनों से लीथियम कार्बोनेट बेचने वाला कोई भी ब्रांड बाजार में उपलब्ध नहीं है।” यह दवा मानसिक विकारों और इससे जुड़े रोगों में सबसे कारगर दवा मानी जाती है।

मिर्गी की दवाएं भी बाजार में कहीं उपलब्ध नहीं

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह, बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) के इलाज के लिए मिथाइलफेनिडेट और बच्चों और वयस्कों में मिर्गी के लिए क्लोनाजेपम ड्रॉप्स और टैबलेट सहित कुछ अन्य आवश्यक दवाएं भी बाजार में कहीं भी उपलब्ध नहीं हैं।

पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस), शिफा इंटरनेशनल हॉस्पिटल इस्लामाबाद और मेयो हॉस्पिटल लाहौर के कई मनोचिकित्सकों के साथ-साथ पेशावर के मनोचिकित्सकों ने भी इसकी पुष्टि की कि लोग बाइपोलर डिसआर्डर विकार से पीड़ित रोगियों के लिए लिथियम कार्बोनेट खोजने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसका कोई भी ब्रांड बाजार में उपलब्ध नहीं है।

इस्लामाबाद के एक अन्य वरिष्ठ फार्मासिस्ट, सलवा अहसान ने कहा कि लिथियम कार्बोनेट दवा पूरे देश में उपलब्ध नहीं थी, कच्चे माल की लागत बढ़ गई थी और इसलिए कंपनियां अब उनका निर्माण नहीं कर रही हैं।

किन-किन बीमारियों की दवाओं का टोटा

द न्यूज के पास उपलब्ध दवाओं की सूची और कराची, लाहौर और इस्लामाबाद में कई फार्मेसियों के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि टीबी, मिर्गी, पार्किंसंस रोग, अवसाद, हृदय रोग और अन्य के इलाज के लिए कई महत्वपूर्ण दवाएं उपलब्ध नहीं है क्योंकि दवा कम्पनियां उत्पादन की लागत बढ़ जाने से इनका उत्पादन नहीं कर रही है।