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सीरम इंस्टीट्यूट और डीबीटी ने सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए विकसित की पहली स्वदेशी वैक्सीन

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नई दिल्ली, 1 सितम्बर। सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन कुछ महीनों में लॉन्च की जाएगी। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को यहां आयोजित एक समारोह में वैक्सीन के वैज्ञानिक रूप से पूरा होने की घोषणा की। देश की प्रमुख वैक्सीन निर्माता कम्पनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने यह HPV वैक्सीन विकसित की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह बोले -लोगों को सस्ती दर पर उपलब्‍ध कराया जाएगा टीका

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन कहा कि यह सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने के लिए सस्ती और किफायती वैक्सीन है। टीके से संबंधित अनुसंधान और विकास काम पूरा हो चुका है और अब उन्हें लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह टीका सस्ती दर पर लोगों को उपलब्‍ध होगा। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह टीका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान पर खरा उतरेगा।

डॉ. सिंह ने कहा कि कोविड​​​​-19 ने निवारक स्वास्थ्य देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाई है, जिससे सर्वाइकल कैंसर जैसे रोगों के खिलाफ टीकों का विकास हुआ है। उन्होंने कहा, ‘आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं ने हमें निवारक स्वास्थ्य देखभाल के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है और अब हम इसे वहन कर सकते हैं। जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने इस मामले में अग्रणी भूमिका निभाई है और सहयोगी मोड में है। वैज्ञानिक प्रयासों को कभी-कभी वह पहचान नहीं मिलती, जिसके वे हकदार होते हैं। इसलिए यह आयोजन उस वैज्ञानिक पूर्णता का जश्न मनाने के लिए है।

इस अवसर पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा कि वह अब महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त होने के लिए स्वस्थ रहना होगा।

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