काठमांडू, 24 दिसम्बर। कुख्यात फ्रांसीसी सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज जेल से रिहा हुआ और आज ही उसे कड़ी सुरक्षा के बीच कतर एअरवेज की फ्लाईट QR647 से दोहा रवाना कर दिया गया, जहां से वह पेरिस की उड़ान भरेगा।
शोभराज को यहां की एक जेल से रिहा होने के कुछ घंटे बाद फ्रांस निर्वासित कर दिया गया। उसने 1970 के दशक में एशियाभर में की गई कई हत्याओं के लिए अधिकतर सजा नेपाल की जेल में काटी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दो दिन बाद शोभराज (78) को काठमांडू की केंद्रीय जेल से सुबह रिहा कर किया गया। उसे पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच आव्रजन विभाग ले जाया गया।
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने शोभराज को रिहा करने और वापस उसके गृह देश भेजने का दो दिन पहले आदेश दिया था। नेपाल के आव्रजन विभाग और फ्रांसीसी दूतावास ने मिलकर शोभराज के यात्रा दस्तावेज तैयार किए। शोभराज के वकीलों ने कहा कि उसे आव्रजन उल्लंघनों और अपने यात्रा दस्तावेजों के लिए 70,000 रुपये का शुल्क और जुर्माना देना पड़ा।
शोभराज ने अपने हवाई टिकट के लिए ऑनलाइन पैसे की व्यवस्था की
शोभराज ने अपने हवाई टिकट के लिए ऑनलाइन पैसे की व्यवस्था की। हालांकि उसकी तथाकथित पत्नी निहिता बिस्वास आव्रजन कार्यालय में मौजूद थी, लेकिन उसे शोभराज से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। ऐसा बताया जाता है कि शोभराज ने 2008 में जेल में बिस्वास से कथित तौर पर शादी की थी।
शोभराज के वकीलों में शामिल सुदेश सुबेदी ने कहा कि उसकी मां और बेटी उसके पेरिस पहुंचने का इंतजार कर रही है। इस बीच, 1986 में गोवा से शोभराज को गिरफ्तार करने वाले मुंबई पुलिस के सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त मधुकर जेंडे ने कहा कि हालांकि उनका मानना है कि शोभराज जैसे खूंखार अपराधियों को जीवन भर जेल से बाहर नहीं आना चाहिए, लेकिन आपराधिक न्याय प्रणाली का क्या सोचना है, उस पर विचार किया जाना महत्वपूर्ण है।
उसे 1976 में अपने एक साथी के साथ मिलकर नई दिल्ली के एक होटल में इंजीनियरिंग के 30 से अधिक छात्रों को जहर देने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था। बाद में पता चला कि उसने एक फ्रांसीसी पर्यटक की भी हत्या की है। उसे विभिन्न अपराधों के लिए तिहाड़ जेल में 12 साल कैद की सजा सुनाई गई, लेकिन 1986 में वह कड़ी सुरक्षा वाली जेल तोड़कर भाग गया और सुर्खियों में आया। उसे जल्द ही गोवा के ओ’कोकेरियो रेस्तरां से गिरफ्तार किया गया और फिर वह 1997 तक जेल में रहा।