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बजट के दिन 6 वर्षों में दूसरी बार गिरावट के साथ बंद हुआ सेंसेक्स, निफ्टी में भी मामूली गिरावट

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मुंबई, 1 फरवरी। मोदी सरकार के आखिरी बजट के दिन गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ। पिछले छह वर्षों में यह दूसरा अवसर है, जब बजट पेश किए जाने के दिन सेसेंक्स में गिरावट दर्ज की गई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट अंतरिम बजट पेश किए जाने के बाद उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 106.81 अंक यानी 0.15 प्रतिशत गिरकर 71,645.30 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 72,151.02 के उच्चतम और 71,574.89 अंक के निचले स्तर तक भी गया।

वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी भी 28.20 अंक यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 21,697.50 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान निफ्टी 21,832.95 अंक के ऊपरी और 21,658.75 अंक के निचले स्तर तक गया।

दरअसल, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मार्च में ब्याज दरों में कटौती नहीं करने के संकेत के बाद घरेलू बाजार की धारणा कमजोर हुई। इसके अलावा बजट को लेकर भी बाजार की उम्मीदों को थोड़ा झटका लगा।

2020 में भी बजट के दिन सेंसेक्स में दिखी थी गिरावट

हालांकि सेंसेक्स 2023, 2022, 2021 और 2019 में बजट पेश किए जाने के दिन सकारात्मक रुख के साथ ही बंद हुआ था। इससे पहले बजट के दिन सेंसेक्स में गिरावट एक फरवरी, 2020 को आई थी, जब सूचकांक 987.96 अंक यानी 2.42 प्रतिशत गिर गया था।

एक वर्ष के भीतर सूचकांक में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई

फिलहाल पिछले वर्ष के बजट से इस बार के बजट के बीच सूचकांक में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में बजट के दिन सूचकांक 158.18 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,708.08 अंक पर बंद हुआ था।

गत 16 जनवरी को अपना सर्वकालिक उच्च स्तर पर देख चुका है सेंसेक्स

सेंसेक्स 2022 में 848.4 अंक यानी 1.46 प्रतिशत बढ़ा था जबकि 2021 में बजट घोषणाओं के बाद इसने 2,314.84 अंक यानी पांच प्रतिशत की छलांग लगाई थी। उल्लेखनीय है कि सेंसेक्स गत 16 जनवरी को ही 73,427.59 अंक के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था।

इस बीच बीएसई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुंदररमन राममूर्ति ने कहा, ‘इस अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने एक बार फिर एक जिम्मेदार, अभिनव और समावेशी बजट पेश किया। यह बजट राजकोषीय उत्पादों पर जोर देता है और भारत की वृद्धि में निजी पूंजी निवेश को जगह देता है। पिछले 10 वर्षों के रुझानों को जारी रखते हुए वित्त मंत्री ने एक बार फिर राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत के लिए एक बहुत मजबूत मार्ग की नींव रखी है।’

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