जयपुर, 7 मई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को सनसनीखेज दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और दो अन्य भाजपा नेताओं ने उनकी पार्टी के विधायकों द्वारा 2020 के विद्रोह के दौरान उनकी सरकार को बचाने में मदद की थी। गहलोत ने कांग्रेस के बागी विधायकों पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें भाजपा से लिए गए पैसे वापस करने चाहिए ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना कर्तव्य निभा सकें।
गहलोत के तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई, 2020 में उनके नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीनेभर का संकट समाप्त हो सका था। पायलट को तब उप मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।
सीएम गहलोत ने धौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार को तीन भाजपा नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और विधायक शोभरानी कुशवाह के समर्थन के कारण बचाया जा सका।
‘शाह, शेखावत और धर्मेंद्र प्रधान ने मेरी सरकार गिराने की साजिश रची थी‘
गहलोत ने दावा किया, ‘केंद्रीय मंत्रियों – अमित शाह, गजेंद्र सिंह शेखावत और धर्मेंद्र प्रधान ने मिलकर मेरी सरकार को गिराने की साजिश रची। उन्होंने राजस्थान में पैसा बांटा और वे अब पैसा वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे आश्चर्य है कि वे उन विधायकों से पैसे वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं।’
‘अगर विधायकों ने पैसा नहीं लौटाया तो वे हमेशा अमित शाह के दबाव में रहेंगे‘
उन्होंने कहा, ‘मैंने विधायकों से यहां तक कहा है कि उन्होंने जो भी पैसा लिया है, 10 करोड़ रुपये या 20 करोड़ रुपये, अगर आपने कुछ भी खर्च किया है, तो मैं वह हिस्सा दूंगा या एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) से प्राप्त करूंगा।’
गहलोत ने आरोप लगाया, ‘अगर विधायकों ने पैसा नहीं लौटाया तो वे हमेशा अमित शाह के दबाव में रहेंगे। वह (अमित शाह) केंद्रीय गृह मंत्री हैं, वह डराएंगे…महाराष्ट्र में उन्होंने शिवसेना को विभाजित किया।’
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि उन्हें पार्टी द्वारा तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया गया था। यह उनका कर्तव्य था कि वे सभी को साथ लेकर चलें और पिछली घटनाओं को भूलकर इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की सत्ता में वापसी सुनिश्चित करें।