नई दिल्ली, 24 जुलाई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी का सोमवार की सुबह बेंगलुरु में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। आरएसएस के एक बयान के अनुसार, 81 वर्षीय मदन दास देवी ने 24 जुलाई को सुबह करीब पांच बजे बेंगलुरू के राष्ट्रोत्थान अस्पताल में अंतिम श्वांस ली।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मदन दास देवी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीट किया, “मदन दास देवी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। शोक की इस घड़ी में ईश्वर सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करे।”
आरएसएस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए आज दोपहर 1.30 बजे से 4.00 बजे तक संघ के प्रान्त कार्यालय ‘केशव कृपा’ (बेंगलुरू) में रखा जाएगा।’’ इसमें बताया गया है कि उनका अन्तिम संस्कार मंगलवार, 25 जुलाई को पुणे (महाराष्ट्र) में किया जाएगा।
संघ ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह-सरकार्यवाह एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री मदन दास देवी के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। उनके निधन से अभाविप कार्यकर्ताओं ने अभिभावक तुल्य छत्र खोया है।’’
बयान के अनुसार, मदन दास देवी का जन्म 9 जुलाई 1942 को हुआ था। वे मूलत: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के करमाला गांव के रहने वाले थे। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए पुणे के प्रसिद्ध बीएमसी कॉलेज में 1959 में प्रवेश लिया। एमकॉम के बाद उन्होंने आईएलएस विधि कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की।
मदन दास देवी ने 1964 से मुंबई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) में कार्य प्रारंभ किया। अभाविप के कर्णावती राष्ट्रीय अधिवेशन (सन 1968 ई.) में उन्हें पूर्णकालिक कार्यकर्ता व पश्चिमांचल क्षेत्रीय संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया। बाद में वह राष्ट्रीय संगठन मंत्री बने। उन्होंने 1992 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख का तथा 1993 में संघ के सह सरकार्यवाह के दायित्व का भी निर्वहन किया।