नई दिल्ली, 14 मार्च। वरिष्ठ पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ वेद प्रताप वैदिक का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वह 78 साल के थे। उनके करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैदिक सुबह गुड़गांव स्थित अपने घर में अचानक बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। उनके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री हैं। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो गया था।
वेद प्रताप वैदिक एक राजनीतिक विश्लेषक और स्वतंत्र स्तंभकार थे। वैदिक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) की हिंदी समाचार एजेंसी ‘भाषा’ के संस्थापक-संपादक रहे थे। वह पहले टाइम्स समूह के समाचारपत्र नवभारत टाइम्स में संपादक (विचार) रहने के साथ ही भारतीय भाषा सम्मेलन के अंतिम अध्यक्ष थे।
भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष थे
वैदिक वर्तमान में भारतीय भाषा सम्मेलन और भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष थे। उनके कॉलम 200 से अधिक समाचार पत्रों में प्रकाशित हुए थे। अफगान विदेश नीति पर शोध करते हुए वैदिक ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। उन्होंने स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज, लंदन और इंस्टीट्यूट ऑफ द पीपल्स ऑफ एशिया, मॉस्को में भी अध्ययन किया है।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ वैदिक ने विभिन्न विश्व राजनीतिक नेताओं और विचारकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वह भारत के ऐसे पहले विद्वान रहे, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिन्दी में लिखा।
इंदौर में हुआ हुआ था वेदप्रताप का जन्म
डाॅ. वेदप्रताप वैदिक की गणना उन राष्ट्रीय अग्रदूतों में होती है, जिन्होंने हिन्दी को मौलिक चिंतन की भाषा बनाया और भारतीय भाषाओं को उनका उचित स्थान दिलवाने के लिए सतत संघर्ष और त्याग किया। उऩका जन्म 30 दिसम्बर, 1944 को पौष की पूर्णिमा पर इंदौर में हुआ। वह सदा प्रथम श्रेणी के छात्र रहे। वह रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत के भी जानकार थे।