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वरिष्ठ भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को दिल का दौरा पड़ा, मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती

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मुंबई, 26 सितम्बर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सैयद शाहनावाज हुसैन को मंगलवार को दिन में दिल का दौरा पड़ा। उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 54 वर्षीय भाजपा नेता का बीपी हाई हो गया था, इसलिए वह अस्पताल गए। अस्पताल में उनकी जांच की गई और फिर एंजियोग्राफी की गई। एंजियोग्राफी करने के तुरंत बाद ब्लॉकेज पाया गया और एक स्टेन लगाया गया है।

एंजियोग्राफी में ब्लॉकेज पाए जाने के बाद स्टेन लगाया गया

लीलावती अस्पताल ने जानकारी दी है कि शाहनवाज हुसैन को दिल का दौरा पड़ने की वजह से भर्ती किया गया है। उनकी एंजियोप्लास्टी की जा चुकी है। वह आईसीयू में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर है। बाद में उन्हें प्राइवेट वार्ड में ट्रांसफर किया जाएगा।

मुंबई में थे शाहनवाज

दरअसल, भाजपा के राषट्रीय प्रवक्ताओँ में एक शाहनवाज हुसैन मुंबई के बांद्रा में विधायक और मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार के घर पर थे, तभी दिक्कत महसूस हुई। आशीष शेलार उन्हें लीलावती अस्पताल ले गए, जहां स्थिति की गंभीरता का पता लगा। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

हृदय रोग विशेषज्ञ सुरेश विजान ने शाहनवाज हुसैन की एंजियोप्लास्टी की। लीलावती अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. जलील पारकर ने कहा, ‘दिल का दौरा पड़ने के लक्षण दिखने के बाद हुसैन को चिकित्सा प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। एंजियोप्लास्टी हृदय को रक्त की आपूर्ति करने वाली संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाओं को खोलने के लिए डॉक्टरों द्वारा की जाने वाली एक प्रक्रिया है। प्रक्रिया से पहले एंजियोग्राफी की गई, जिसमें भाजपा नेता के दिल के दाहिने हिस्से में रुकावट दिखाई दी। शाम करीब 4.30 बजे, हुसैन ने हाई बीपी की शिकायत की।

हृदय के दाएं हिस्से में रुकावट दिखने के कारण एंजियोप्लास्टी का निर्णय लिया गया

डॉ. पारकर ने कहा कि शाहनवाज हुसैन के हृदय की मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं हुआ। चूंकि हुसैन ने कहा कि वह पहले एसिडिटी से पीड़ित थे, इसलिए डॉक्टर के अनुसार, पहले ईसीजी और 2डी इको टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया। डॉ. पारकर ने कहा, डॉ. सुरेश विजान को आगे की जांच के लिए बुलाया गया था. डॉ. विजान ने एंजियोग्राफी की, जिसमें हृदय के दाएं हिस्से में रुकावट दिखाई दी। इसलिए, उनकी एंजियोप्लास्टी करने का निर्णय लिया गया।