Site icon hindi.revoi.in

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली AIIMS में भर्ती, यूरोलॉजी विभाग में हो रहा इलाज

Social Share

नई दिल्ली, 26 जून। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बुधवार की देर शाम बिगड़ गई। उन्हें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आडवाणी को उम्र संबंधित दिक्कतों के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उन्हें एम्स के जिरियाट्रिक डिपार्टमेंट (बुजुर्गों का इलाज करने वाला विभाग) के डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमलेश सेठ उनका इलाज कर रहे हैं। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

दरअसल, 96 वर्षीय आडवाणी उम्र संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उनका समय-समय पर घर पर ही चेकअप किया जाता है। बुधवार देर शाम को उन्हें कुछ दिक्कत महसूस हुई, जिसके बाद तुरंत उन्हें एम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें अपनी निगरानी में भर्ती कर लिया।

इसी वर्ष सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न‘ से सम्मानित किए गए

उल्लेखनीय है कि आडवाणी को इसी वर्ष देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। आडवाणी तबीयत के मद्देनजर राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके थे, इसलिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 30 मार्च को उनके आवास पर जाकर ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया था। उस औपचारिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी के परिवार के सदस्य शामिल हुए थे।

2015 में पद्म विभूषण से भी नवाजे जा चुके हैं

इससे पहले 2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया था। आडवाणी 2002 से 2004 तक भारत के 7वें उप प्रधानमंत्री रहें हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-संस्थापकों में से एक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सदस्य हैं। वह 1998 से 2004 तक सबसे लंबे समय तक देश के गृह मंत्री रहे।

वह लोकसभा में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले विपक्ष के नेता भी हैं। अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में उन्होंने एक अग्रणी नेता की भूमिका निभाई थी। आडवाणी ने अपनी पहली राम रथ यात्रा 25 सितम्बर 1990 को गुजरात के सोमनाथ से शुरू की, जो अयोध्या में समाप्त हुई थी। इस यात्रा से उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को लोगों तक पहुंचाया।

14 वर्ष की उम्र में RSS में शामिल हुए

अपने राजनीतिक करिअर के दौरान लालकृष्ण आडवाणी को कई महत्वपूर्ण पद संभालने का मौका मिला है। 1941 में 14 वर्ष की उम्र में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए और राजस्थान प्रचारक के रूप में काम किया। 1951 में, आडवाणी श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ के सदस्य बने और संसदीय मामलों के प्रभारी, महासचिव और दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सहित विभिन्न भूमिकाएं निभाईं। 1980 में, वह अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और तीन बार पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह 1989 में वह पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए।

कराची में आठ नवम्बर, 1927 को एक सिंधी हिन्दू परिवार में जन्मे लालकृष्ण आडवाणी भारत के विभाजन के दौरान भारत चले आए और मुंबई में बस गए, जहां उन्होंने अपनी कॉलेज की शिक्षा पूरी की। फरवरी, 1965 में आडवाणी ने कमला आडवाणी से शादी की। उनकी दो संतानें – एक बेटा जयंत और एक बेटी प्रतिभा हैं।

Exit mobile version