पटना, 13 फरवरी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष होंगे। नंदकिशोर ने मंगलवार को पूर्वाह्न मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा दोनों उप मुख्यमंत्रियों – सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सहित कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूददी में विधानसबा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन किया।
नामांकन के वक्त सीएम नीतीश और दोनों डिप्टी सीएम मौजूद
उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को बिहार विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होना है। यदि विपक्ष की तरफ से कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा होता है तो सर्वसम्मति से नंदकिशोर यादव अध्यक्ष बन जाएंगे। लेकिन यदि महागठबंधन के तरफ से कोई नामांकन होता है तो 15 फरवरी मतदान होगा।
महागठबंधन से कोई मतदान हुआ तो 15 फरवरी को होगा मतदान
फिलहाल नंदकिशोर यादव का विधानसभा अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। नामांकन करने के बाद नंदकिशोर यादव ने भी कहा, ‘आप सभी के सहयोग की उम्मीद है। इसके लिए मैं केन्द्रीय नेतृत्व, पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उप मुख्यमंत्रियों का आभार प्रकट करता हूं और धन्यवाद देता हूं।’
26 अगस्त, 1953 को जन्मे नंदकिशोर यादव महज 16 वर्ष की उम्र में ही भाजपा के मातृ संगठन से जुड़ गए। 1971 में वह विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य के रूप में उभरकर सामने आए और 1974 में आंदोलन के दौरान जेल भी गए। उन्होंने पटना नगर निगम के पार्षद के साथ-साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक की जिम्मेदारी निभाई।
अविभाजित और विभाजित बिहार, दोनों के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं नंदकिशोर
पटना साहिब सीट से 1995 से लगातार सातवीं बार विधायक निर्वाचित हुए नंदकिशोर राज्य सरकार में पथ निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं। 1983 से 90 तक भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री, कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर रहे। 1990-95 तक वह युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वह पार्टी के इकलौते ऐसे प्रदेश अध्यक्ष रहे, जो अविभाजित और विभाजित बिहार, दोनों के प्रदेश अध्यक्ष रहे। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर वह 1998 से 2003 तक रहे।