नई दिल्ली, 29 सितम्बर। वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकट रमणी को तीन वर्ष की अवधि के लिए भारत के नए अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। वह नए एजी के रूप में केके वेणुगोपाल का स्थान लेंगे। इसके पूर्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अटॉर्नी जनरल बनने का केंद्र सरकार का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया था।
कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू के कार्यालय ने एक ट्वीट में इस नियुक्ति की पुष्टि की। ट्वीट में कहा गया, ‘माननीय राष्ट्रपति वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकट रमणी को दिनांक 1 अक्टूबर, 2022 से भारत के महान्यायवादी के पद पर नियुक्त करती हैं।’ अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए कार्यकाल होता है।
वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितम्बर को समाप्त होगा
केंद्र ने 91 वर्ष के हो चुके मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की जगह लेने के लिए इस माह की शुरुआत में रोहतगी को पेशकश की थी। वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितम्बर को समाप्त होगा। रोहतगी जून 2014 से जून 2017 तक अटॉर्नी जनरल थे। उनके बाद वेणुगोपाल को जुलाई 2017 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। उन्हें 29 जून को देश के इस शीर्ष विधि अधिकारी के पद के लिए फिर तीन महीने लिए नियुक्त किया गया था।
केंद्रीय कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि वेणुगोपाल ‘व्यक्तिगत कारणों’ से अपनी अनिच्छा जताई थी, लेकिन 30 सितंबर तक पद पर बने रहने के सरकार के अनुरोध को उन्होंने मान लिया था। अटॉनी जनरल के रूप में वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल 2020 में समाप्त होना था और उन्होंने सरकार से उनकी उम्र को ध्यान में रखकर जिम्मेदारियों से मुक्त कर देने का अनुरोध किया था। लेकिन बाद में उन्होंने एक वर्ष के नए कार्यकाल को स्वीकार कर लिया।