जम्मू, 23 नवम्बर। सुरक्षा बलों ने राजौरी के कालाकोट में अपने दो अफसरों और तीन जवानों की शहादत का बदला 24 घंटे के अंदर ले लिया और गुरुवार को एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का टॉप कमांडर को उसके एक साथी समेत ढेर कर दिया अफगानिस्तान में आतंक फैलाने वाला एलईटी का टॉप कमांडर एक साल से राजौरी व पुंछ के इलाके में आतंक मचाए हुए था।
राजौरी में गोलीबारी के दौरान एक और सैनिक शहीद
इस बीच सेना प्रवक्ता ने बताया कि राजौरी में गोलीबारी में एक अन्य आतंकी मारा गया जबकि एक सैनिक शहीद हो गया। अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में अब तक दो आतंकी और सेना के दो कैप्टन समेत सेना के पांच जवान शहीद हुए हैं। जहां आज दो आतंकी और सैनिक मारे गए, वहीं बुधवार को कालाकोट राजौरी के बाजी इलाके में शुरू हुई गोलीबारी के पहले दिन दो कैप्टन सहित सेना के चार जवान शहीद हुए थे। हताहतों की संख्या बढ़ने के तुरंत बाद, सेना ने क्षेत्र में और अधिक अतिरिक्त बल भेज दिया था।
सेना की ह्वाइट नाइट कोर ने एक ट्वीट में कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर राजौरी के कालाकोट क्षेत्र गुलाबगढ़ जंगल में संयुक्त अभियान शुरू किया गया, जिसमें आतंकियों से संपर्क 22 नवम्बर को स्थापित किया गया था और तीव्र गोलाबारी हुई।
Op SOLKI
In a continuation of the operation, a hard-core top #LeT commander, Quari and his associate were eliminated and large quantities of War Like Stores have been recovered.
Quari was known to be the mastermind behind #Dangri incident, in which six innocent civilians were… pic.twitter.com/gdVT5RUi9a
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) November 23, 2023
सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सेना की उच्चतम परंपराओं में महिलाओं और बच्चों को होने वाली क्षति को रोकने की कोशिश में अपने बहादुरों की वीरता और बलिदान के बीच दो आतंकी मार दिए गए। प्रवक्ता ने बताया कि जो दो आतंकी मारे गए हैं, उनमें से एक की पहचान पाकिस्तानी नागरिक कारी के तौर पर की गई है। उसे पाकिस्तान और अफगान के मोर्चे पर प्रशिक्षित किया गया है।
कारी लश्करे तौयबा का उच्च रैंक आतंकवादी कमांडर था। वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी और पुंछ में सक्रिय था। उसे ढांगरी और कंडी के आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। इन आतंकियों को इन क्षेत्रों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा गया था।
वह आईईडी लगाने, गुफाओं से छिपकर हमला करने और प्रशिक्षित स्नाइपर था जबकि दूसरे आतंकी की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। इस साल एक जनवरी को राजौरी के ढांगरी में दोहरे आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इसमें पांच लोग गोलीबारी में और दो लोग आईईडी ब्लास्ट में मारे गए थे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ के शुरुआती चरण में दो कैप्टन, एक हवलदार और एक अन्य सैनिक की मौत हो गई, जबकि एक मेजर सहित दो अन्य कर्मी घायल हो गए। घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है क्योंकि बताया जाता है इस स्नाइपर स्पेशलिस्ट ने अधिकतर को सिर में गोलियां मारी थीं।