तिरुवनंतपुरम, 18 सितम्बर। भारत में मंकीपॉक्स के दूसरे मामला की पुष्टि हुई है। केरल सरकार ने बुधवार को इस आशय की पुष्टि करते हुए बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से हाल ही में लौटा 38 वर्षीय शख्स इस संक्रमण से संक्रमित पाया गया है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मलप्पुरम के 38 वर्षीय शख्स का संयुक्त अरब अमीरात से लौटने के बाद परीक्षण कराया गया था, जो पॉजिटिव आया है। फेसबुक पर एक पोस्ट में जॉर्ज ने लोगों से उपचार लेने और बीमारी से संबंधित कोई भी ज्ञात लक्षण दिखाई देने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि एमपॉक्स के मरीज को अलग कर दिया गया है और मेडिकल प्रोटोकॉल के अनुसार उसका इलाज किया जा रहा है।
दिल्ली में पाया गया था एमपॉक्स का पहला केस
गौरतलब है कि नौ दिन पहले देश में पहले मंकीपॉक्स केस की पुष्टि हुई थी। पीड़ित शख्स ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की थी। यह मामला राष्ट्रीय राजधानी में सामने आया था, जहां हरियाणा के हिसार निवासी 26 वर्षीय व्यक्ति में वायरस की पुष्टि हुई थी और उसे दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले दिनों इसे देश में अकेला मामला बताया था, जो जुलाई, 2022 से भारत में पहले दर्ज किए गए 30 मामलों की तरह था और कहा था कि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा रिपोर्ट की गई वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति का हिस्सा नहीं था, जो एमपॉक्स के क्लेड एक के बारे में है। हिसार निवासी शख्स पश्चिमी अफ्रीकी क्लेड-2 के एमपॉक्स वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया था।
WHO ने एमपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है
डब्ल्यूएचओ ने पिछले महीने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए दूसरी बार एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया है। एमपॉक्स संक्रमण आम तौर पर केवल पीड़ित तक सीमित रहता है। यह दो से चार सप्ताह तक रहता है और इसके रोगी आमतौर पर चिकित्सा देखभाल से स्वस्थ हो जाते हैं। यह संक्रमित रोगी के साथ लंबे समय तक और निकट संपर्क में रहने से फैलता है। केरल में पहला एमपॉक्स का यह मामला हाल ही में निपाह संक्रमण के कारण 24 वर्षीय युवक की मौत के बाद सामने आया है।