मुंबई, 15 सितम्बर। देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित परमाणु संस्थानों में एक मानखुर्द स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) में कार्यरत एक वैज्ञानिक चम्पालाल प्रजापत की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। वह गत गणेश चतुर्थी यानी के दिन 10 सितम्बर की शाम को केंद्र के हीलियम संयंत्र में फंदे से लटके पाए गए थे। ट्रॉम्बे पुलिस दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
राजस्थान के सुजानगढ़ के मूल निवासी 45 वर्षीय चंपलाल प्रजापत बीएआरसी के तकनीकी भौतिकी प्रभाग में वैज्ञानिक अधिकारी (जी) के रूप में कार्यरत थे और सुपरकंडक्टर्स के विशेषज्ञ थे। प्रजापत ने ट्रेनिंग स्कूल के जरिए बीएआरसी में प्रवेश किया था, जो सिर्फ देशभर सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों का चयन करता है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में फांसी लगाने से मौत की पुष्टि
ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक सिद्धेश्वर गोवे ने चम्पालाल की आकस्मिक मौत की सूचना की पुष्टि करते कहा, ‘चम्पालाल को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि मौत फांसी लगाने से हुई है। हमने उनकी पत्नी और एक गवाह के बयान लिए और पाया कि वह डिप्रेशन में थे। कोई अन्य गड़बड़ी नहीं लगती, लेकिन हम अन्य सभी कोणों से जांच कर रहे हैं।’
गणेश चतुर्थी के अवकाश में ड्यूटी पर गए थे प्रजापत
हालांकि प्रजापत के एक करीबी मित्र ने इसे अप्राकृतिक मौत बताते हुए गड़बड़ी का आरोप लगाया है। मित्र ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि चम्पालाल को 10 सितम्बर को गणेश चतुर्थी के अवकाश में काम पर बुलाया गया था क्योंकि वह अपने तकनीकी भौतिकी विभाग से जुड़े एक आगामी सम्मेलन के सचिव थे।’
चम्पालाल के मित्र ने बताया, ‘शाम 5.08 बजे प्रजापत ने अपनी पत्नी को फोन किया और कहा कि वह शाम 5.30 बजे तक घर पहुंच जाएंगे। जब वह नहीं लौटे तो एक दोस्त को भेजा गया। शाम सात बजे वह हीलियम संयत्र में फंदे पर लटके पाए गए। उनका शरीर नीला पड़ गया था। उनके पास से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।’
उच्च सुरक्षा और संवेदनशील क्षेत्र है बार्क परिसर
चम्पालाल के मित्र ने यह भी कहा कि संयंत्र एक उच्च सुरक्षा और संवेदनशील क्षेत्र है, जहां हर जगह सीसीटीवी कैमरे हैं और उनकी मौत को आसानी से खारिज नहीं किया जा सकता। बीएआरसी के अधिकारी इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि वह तनाव में थे या अवसादग्रस्त थे। क्या उन्हें काम को लेकर तनाव था, इसकी जांच की जरूरत है और अगर वह पहले से ही तनावग्रस्त और अवसाद में थे तो उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्यों दी गई।
दोस्त ने बार्क प्रबंधन पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा, ‘ऐसी कई घटनाएं बीएआरसी परिसर और उसके आवासीय क्वार्टरों में होती हैं। लेकिन यह घटना आधिकारिक परिसर के अंदर हुई है और इसके लिए अधिकारी जिम्मेदार और जवाबदेह हैं।