नई दिल्ली/चंडीगढ़ 22 मार्च। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहीदे आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस (23 मार्च) के अवसर पर राजधानी के बच्चों के लिए विशेष स्कूल का एलान किया है। वहीं पंजाब के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी भगत सिंह के बलिदान दिवस पर राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
स्कूल में बच्चों को भारतीय फौज में शामिल होने के लिए तैयार किया जाएगा
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने मंगलवार को बताया कि उनकी सरकार ने पिछले वर्ष एक विशेष स्कूल की स्थापना की घोषणा की थी, जिसमें बच्चों को भारतीय फौज में शामिल होने के लिए तैयार किया जाएगा। इस स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने का फैसला किया गया है।
दिल्ली के सैनिक स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जाएगा। Press Conference | LIVE https://t.co/2VuaR7tgXT
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 22, 2022
झरोदा कलां के 14 एकड़ क्षेत्र में बनेगा शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेस प्रीपरेट्री स्कूल‘
केजरीवाल ने कहा, “हम ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेस प्रीपरेट्री स्कूल’ बना रहे हैं। यह झरोदा कलां में 14 एकड़ में बनाया जाएगा। यहां बच्चों को सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह स्कूल फ्री होगा और इसमें लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल होंगे।”
केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में रहने वाला कोई भी छात्र इस स्कूल में कक्षा 9वीं और 11वीं में प्रवेश ले सकता है। दोनों वर्गों में 100-100 सीटें होंगी। इस साल कक्षाएं शुरू होंगी और हमें इन 200 सीटों के लिए 18,000 आवेदन प्राप्त हुए हैं।’
On the martyrdom day of Shaheed-e-Azam Bhagat Singh, there will be a public holiday in Punjab.
On this occasion, people of Punjab can pay their tributes to Shaheed Bhagat Singh by visiting his village of Khatkar Kalan. pic.twitter.com/BMpfQsxlaI
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) March 22, 2022
पंजाब विधानसभा में लगाई जाएंगी भगत सिंह औ अंबेडकर की प्रतिमाएं
दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 23 मार्च को राज्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करने के साथ ही कहा कि पंजाब विधानसभा में शहीद-ए-आजम भगत सिंह और संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। भगवंत मान ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पेश किया, जिसे मंजूरी दे दी गई। भगत सिंह के साथ सुखदेव और राजगुरु भी 23 मार्च के दिन आजादी के लिए बलिदान हुए थे।