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दिल्ली में वायु प्रदूषण : स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद, कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारी

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नई दिल्ली, 17 नवंबर। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 10 दिनों से जारी खराब वायु गुणवत्ता की वजह से दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। इस प्रकार छात्रों को फिर ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिन्होंने कोविड-19 महामारी की वजह से लगभग डेढ़ वर्ष चली बंदी के बाद हाल ही में स्कूल-कॉलेज जाना शुरू किया था।

सीएक्यूएम की आपात बैठक में लिया गया फैसला

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण संकट पर मंगलवार की रात हुई एक आपात बैठक के बाद यह फैसला लिया और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों को कई निर्देश जारी किए। बैठक में दिए गए निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। राज्य सरकारों को 22 नवंबर को इसके संबंध में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करनी है।

सीएक्यूएम द्वारा जारी नौ पन्नों के आदेश में एनसीआर सरकारों (दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश) को सलाह दी गई है कि शिक्षण संस्थानों को बंद करने के अलावा, सीएक्यूएम ने निर्देश दिया है कि दिल्ली-एनसीआर में सरकारी कार्यालयों में कम से कम 50 प्रतिशत कर्मचारियों को 21 नवंबर तक घर से काम करने की अनुमति दी जाए। निजी प्रतिष्ठानों को भी इसे लागू करने को प्रोत्साहित किया जाए ताकि वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम हो सके।

ट्रकों के प्रवेश पर भी 21 नवंबर तक पाबंदी

इसी क्रम में आवश्यक सामान ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर, 21 नवंबर तक ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में अपवादों को छोड़कर सभी निर्माण और मकान गिराने की गतिविधियों पर 21 नवंबर तक रोक रहेगी। दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 थर्मल प्लांटों में से छह को 30 नवंबर तक बंद रहने का निर्देश दिया गया है।

पिछले 10 दिनों से खराब है वायु गुणवत्ता सूचकांक

गौरतलब है कि दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले 10 दिनों से भी अधिक समय से जहरीले स्मॉग की परत से ढके हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कम से कम अगले तीन दिनों तक इसमें किसी भी सुधार की उम्मीद नहीं है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कई दिनों से ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।

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