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महाराष्ट्र : कोविड सेंटरों के ठेकों में घोटाला! संजय राउत के करीबियों के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

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मुंबई, 21 जून। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) नेता संजय राउत के सहयोगियों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की है। महाराष्ट्र में तत्कालीन एमवीए सरकार के कार्यकाल के दौरान कोरोना काल में कोविड सेंटरों के लिए कॉन्ट्रैक्ट देने में अनियमितता के मामले में बुधवार को यह छापेमारी की गई है।

ईडी के सूत्रों के मुताबिक एजेंसी ने मुंबई के 14 ठिकानों पर छापेमारी की है। एक छापा मुंबई शहर से बाहर भी किसी ठिकाने पर की गई है। जिन लोगों के ठिकानों पर ये छापे मारे गए हैं, उनमें आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल और कारोबारी सुजीत पाटकर शामिल हैं। कारोबारी पाटकर राज्यसभा के सांसद संजय राउत के पारिवारिक मित्र हैं।

ईडी ने इसी वर्ष जनवरी में म्युनिसिपल कमिश्नर इकबाल सिंह चाहल का बयान दर्ज किया था। अगस्त, 2022 में आजाद मैदान पुलिस थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में बीएमसी की ओर से लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के पार्टनर्स को दो जंबो सेंटर बनाने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। इन्हीं पार्टनर्स में से एक सुजीत पाटकर शामिल हैं। एफआईआर में कहा गया है कि कम्पनी ने कॉन्ट्रैक्ट फर्जी दस्तावेजों के जरिए पाया था जबकि उसके पास किसी मेडिकल सिस्टम के लिए मैनपावर मुहैया कराने का कोई अनुभव नहीं था।

फिलहाल इस मामले में आरोपितों या फिर संजय राउत का कोई बयान सामने नहीं आया है। दरअसल 2020 में एक समाचार चैनल के पत्रकार की पुणे में कोरोना से मौत हो गई थी। इसके बाद जांच की गई तो लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज के बारे में पता चला। जांच में सामने आया कि इस संस्था के पास कोई अनुभव ही नहीं था। इसके अलावा उसके पास सीनियर डॉक्टरों की बजाय जूनियरों की ही एक टीम थी। यह बात भी सामने आई कि संस्था के पास मेडिकल सर्विसेज देने का कोई अनुभव ही नहीं था और ना ही उसके पास पर्याप्त स्टाफ था। इसके बाद भी बीएमसी ने उसे 38 करोड़ रुपये का ठेका दे दिया।

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