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सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर का स्पष्टीकरण – भाजपा संग हाथ मिलाने की खबर सिर्फ अफवाह

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लखनऊ, 19 मार्च। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी के हाथों मिली करारी हार के बाद कथित तौर पर  समाजवादी पार्टी व सुभासपा के बीच फूट पड़ने और उनकी पार्टी (सुभासपा) के फिर भाजपा संग हाथ मिलाने की बातें कही गई है।

मीडिया में जारी खबरों में कहा गया कि गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधानसभा चुनाव जीते ओपी राजभर सपा प्रमुख अखिलेश यादव को सलाम करते हुए फिर भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं। सोशल मीडिया में यहां तक अफवाह उड़ गयी कि सुभासपा प्रमुख ने कथित तौर पर होली के दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

हालांकि अब सुभासपा प्रवक्ता पीयूष ने इन खबरों को खंडन किया है और ऐसी बातों को निराधार करार देते हुए इसे कोरी अफवाह बताया है। पीयूष मिश्र ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने की खबर निराधार है, पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ थी, है और रहेगी!’

नहीं हुई अमित शाह से मुलाकात, तस्वीर पुरानी हो सकती है

वहीं ओपी राजभर ने भी इन कयासों पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि अमित शाह से उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई है। राजभर ने अमित शाह के साथ वायरल हो रही फोटो पर भी सफाई पेश करते हुए कहा कि अमित शाह से उनकी मुलाकात की तस्‍वीर पुरानी हो सकती है।

न चर्चा है न मुलाकात है, सोशल मीडिया पर एक अफवाह फैली है

सुभासपा अध्यक्ष ने कहा, ‘न चर्चा है न मुलाकात है, सोशल मीडिया पर एक अफवाह फैली है। अभी तो सोशल मीडिया पर मैंने देखा कि 21 तारीख को शपथ ग्रहण है। फिर देखा कि 25 को है। हमारा तो खुद ही 28 तारीख को संयुक्‍त कार्यक्रम गाजीपुर के जहूराबाद में है।’

स्मरण रहे कि होली के दिन कथित तौर पर ऐसी अफवाह उड़ी की ओमप्रकाश राजभर ने होली मिलन के दौरान करीब एक घंटे तक केंद्रीय मंत्री और यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान एवं बीजेपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल की मौजूदगी में अमित शाह से मुलाकात की है। इसके बाद से कयास लगने शुरू हो गए थे कि 25 मार्च को योगी सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ओमप्रकाश राजभर सपा को छोड़कर भाजपा के पाले में आ सकते हैं।

वैसे ओपी राजभर वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़े थे और चुनाव बाद वह योगी सरकार में मंत्री भी बने थे। लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 के पहले उन्होंने पलटी मार दी और भाजपा से अलग होकर सपा से गठबंधन कर लिया। विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को कुल छह सीटें मिलीं।

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