काहिरा, 11 अगस्त। सऊदी अरब के मशहूर कारोबारी मुहम्मद बिन नासिर अल-कहतानी की मिस्र की राजधानी में अजीब स्थिति में मौत हो गई, जब वह एक सम्मेलन के दौरान पोडियम से लोगों को संबोधित कर रहे थे। भाषण के अंत में वह अचानक नीचे गिरे और उनके प्राण पखेरू उड़ गए। उनकी मौत का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
एफ्रो-अरब सम्मेलन के दौरान हुई हादसा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दुबई की मशहूर अल-सलाम होल्डिंग कम्पनी के चेयरमैन अल-कहतानी बीते मंगलवार, नौ अगस्त को यहां एक होटल में ‘एफ्रो-अरब सम्मेलन’ में दुनिया के कई हिस्से से जुटे कारोबारियों और अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। भाषण के दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच संयुक्त उपलब्धियों गिनाईं और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सीसी और किंग सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद को विशेष रूप से धन्यवाद दिया था।
लेकिन संबोधन के अंत में वह अचानक लड़खड़ा कर नीचे गिर गए। अल-कहतानी को अचेतावस्था में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हालांकि, उनकी मौत की वजह साफ नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि हृदयाघात से उनकी मौत हुई।
سبحانك ربي السفير محمد القحطاني دبلوماسي سعودي سقط ميتًا في دار حراس الحدود في المؤتمر العربي الإفريقي …وهو يقول الحياة زائلة لا تستحق وسنرحل دون مال أو منصب ثم أردف: #السيسي عميد الانسانية ورجل السلام…و الشيخ محمد بن زايد عميد الإنسانية ثم مات
إنا لله وإنا إليه راجعون pic.twitter.com/JqyzEqmUz5— سامي كمال الدين (@samykamaleldeen) August 9, 2022
दुबई के लिए गुडविल एबेंसडर के तौर पर विदेशों की यात्रा करते थे अल-कहतानी
अल-कहतानी दुबई के लिए गुडविल एबेंसडर के तौर पर अकसर अलग-अलग देशों की यात्रा करते रहते थे, लेकिन काहिरा कॉन्फ्रेंस में उनका आखिरी भाषण साबित हुआ। 1995 में संयुक्त अरब अमीरात में बसने से पहले, उन्होंने अरामको में अपना करिअर शुरू किया था। उनकी पत्नी डॉ. आयशा सालेह अब्दुल्ला अल-जबरी भी दुबई की प्रमुख हस्तियों में से एक हैं, जिन्होंने निजी तौर पर सफलताएं और व्यापक प्रसिद्धि हासिल की है। उन्होंने अफ्रीकी शांति संगठन के आधिकारिक प्रवक्ता के अलावा संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त अरब अमीरात के सद्भावना राजदूत के रूप में भी काम किया है।
अल-कहतानी को सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दोनों साम्राज्यों में विभिन्न संस्थागत पदों पर रहने के लिए जाना जाता था और उनके मानवीय प्रयासों और धर्मार्थ कार्यों के लिए उनकी काफी सराहना की जाती थी।