नई दिल्ली, 24 मार्च। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक के रिश्वत की पेशकश वाले आरोपों की अब CBI जांच होगी। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने खुद पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए CBI से मामले की जांच कराने की सिफारिश की है।
बता दें कि सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तब संघ और बड़े औद्योगिक घराने की फाइलें क्लियर करने के बदले में उनको 300 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था। हालांकि, उन्होंने पैसे लेने से इनकार किया और डीलों को रद्द कर दिया था।
- सत्यपाल मलिक ने क्या कहा था
सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब वे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बने, तब उनके पास दो फाइलें आई थीं। एक फाइल में अंबानी शामिल थे जबकि दूसरी फाइल में आरएसएस के एक बड़े अफसर और महबूबा सरकार में मंत्री से जुड़ी थी। ये नेता खुद को पीएम मोदी के करीबी बताते थे। राज्यपाल ने कहा था कि जिन विभागों की ये फाइलें थीं, उनके सचिवों ने उन्हें बताया था कि इन फाइलों में घपला है और सचिवों ने उन्हें यह भी बताया कि इन दोनों फाइलों में उन्हें 150-150 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। लेकिन, उन्होंने इन दोनों फाइलों से जुड़ी डील को रद्द कर दिया था। बता दें कि सत्यपाल मलिक फिलहाल मेघालय के राज्यपाल हैं।
सत्यपाल मलिक ने कहा था कि मैं दोनों फाइलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गया। मैंने उन्हें बताया कि इस फाइल में घपला है, ये-ये लोग इसमें इनवॉल्व हैं। ये आपका नाम लेते हैं, आप बताएं कि मुझे क्या करना है। मैंने उनसे कहा कि फाइलों को पास नहीं करूंगा, अगर करवाना है तो मैं पद छोड़ देता हूं, दूसरे से करवा लीजिए। मैं प्रधानमंत्री की तारीफ करूंगा, उन्होंने मुझसे कहा कि सत्यपाल करप्शन पर कोई समझौता नहीं करने की जरूरत है।