नई दिल्ली, 25 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को दिए एक इंटरव्यू में केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार की जमकर लानत-मलानत की है और साथ ही भविष्यवाणी कर दी है कि आगामी लोकसभा चुनाव भाजपा सरकार की विदाई सुनिश्चित कर देगा।
पुलवामा, किसान आंदोलन, एमएसपी, जातिगत जनगणना और मणिपुर में हिंसा पर बोले
राहुल गांधी ने 28 मिनट की इस बातचीत में सत्यपाल मलिक से पुलवामा, किसान आंदोलन, एमएसपी, जातिगत जनगणना और मणिपुर में हिंसा समेत तमाम मुद्दों पर बात की। बातचीत के दौरान सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘चुनाव में सिर्फ छह माह रह गए हैं। मैं लिखकर दे रहा हूं कि ये (मोदी सरकार) अब नहीं आएगी।’
जम्मू-कश्मीर के लोगों को आप फोर्स से ठीक नहीं कर सकते
सत्यपाल मलिक ने कहा, मेरी राय है कि वहां (जम्मू-कश्मीर) के लोगों को जबर्दस्ती या फोर्स से ठीक नहीं कर सकते। वहां के लोगों को जीतकर आप कुछ भी कर सकते हैं। मैंने उन लोगों को विश्वास में लिया।’
यथाशीघ्र जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्ज वापस मिलना चाहिए
मलिक ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उनके राज्य के दर्जे को वापस करना चाहिए। इन्होंने आर्टिकल 370 वापस लेकर केंद्र शासित राज्य बनाया। इन्हें डर था कि कहीं राज्य की पुलिस विद्रोह न कर दे। लेकिन जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने हमेशा केंद्र सरकार का साथ दिया। अमित शाह का वादा है कि वे राज्य का दर्जा वापस करेंगे। इसलिए इन्हें जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस करना चाहिए और वहां चुनाव कराने चाहिए।’
मलिक ने कहा, ‘पता नहीं क्यों, ये लोग राज्य का दर्जा वापस नहीं कर रहे। मेरी बात हुई थी, मैंने कहा था कि राज्य का दर्जा वापस करना चाहिए। मुझसे कहा गया कि कह तो दिया है, करने की क्या जरूरत है। चल तो रहा है सब ठीक।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन कहां सब ठीक चल रहा है। आतंकी घटनाएं बढ़ गई हैं। आतंकी एक्टिव हो गए हैं। राजौरी में रोज कुछ न कुछ होता है।’
पुलवामा हमले पर मलिक का यह जवाब था
राहुल गांधी ने जब पुलवामा हमले को लेकर सवाल पूछा तो सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘पुलवामा हमले को लेकर मैं ये तो नहीं कहूंगा कि इन्होंने कराया, लेकिन मैं ये जरूर कहूंगा कि इन्होंने उसे इग्नोर किया और उसका राजनीतिक इस्तेमाल किया। इनके बयान हैं कि जब वोट देने जाओ, तो पुलवामा की शहादत याद रखना।’ इस दौरान राहुल गांधी ने बताया, ‘जब एयरपोर्ट पर शहीदों के पार्थिव शरीर लाए गए, तो मुझे कमरे में बंद कर दिया गया था, मैं लड़कर वहां से निकला।’
सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘पीएम को श्रीनगर जाना चाहिए था। राजनाथ सिंह वहां आए थे। मैं वहां था। हमने श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, जिस दिन ये हुआ, ये (पीएम मोदी) नेशनल कार्बेट में शूटिंग कर रहे थे। तो मैंने इनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हुई। 5-6 बजे उनका कॉल आया, क्या हुआ? मैंने घटना के बारे में बताया। मैंने कहा, हमारी गलती से इतने लोग मर गए हैं। तब उन्होंने (पीएम मोदी) मुझसे कहा कि आपको कुछ नहीं बोलना है। इसके बाद मेरे पास डोभाल का फोन आया, उन्होंने कहा, आपको कुछ नहीं बोलना है। मैंने कहा ठीक है… जांच करानी होगी, शायद उसपर असर होगा। उसमें कुछ नहीं हुआ, न ही होना है।’
मलिक ने कहा, ‘सीआरपीएफ ने गृह मंत्रालय से पांच एयरक्राफ्ट मांगे थे। चार महीने तक आवेदन गृह मंत्रालय के पास रही। बाद में उन्होंने खारिज कर दिया। ये चार महीने तक लटकाए रहे। अगर मेरे पास आती, तो मैं कुछ करता। ये इनपुट था कि अटैक हो सकता है। जो गाड़ी टकराई थी, वह विस्फोटक से भरी हुई 10 दिन से पूरे क्षेत्र में घूम रही थी।’
RSS और गांधीवादी विचारधारा में कौन सही?
राहुल ने बातचीत में कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत की राजनीति में दो विचारधारा की लड़ाई है, एक गांधीवादी और दूसरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की। दोनों हिन्दुत्व के विजन हैं। एक अहिंसा और भाईचारे की विचारधारा है। दूसरी नफरत और अहिंसा की…इस बारे में आपका क्या कहना है?’
लिबरल हिन्दुत्व के रास्ते पर ही चलकर देश सर्वाइव करेगा
इस सवाल पर सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘मेरा ये सोचना है कि हिन्दुस्तान देश के तौर पर तभी सर्वाइव करेगा, जब लिबरल हिन्दुत्व के रास्ते पर चलेगा। ये गांधी का विजन था। वे गांव-गांव गए थे, तब इस विजन पर पहुंचे थे। यदि इसी विचारधारा पर देश चलेगा, तभी चल पाएगा, नहीं तो टुकड़े हो जाएगा। हमें मिल-जुल कर बिना लड़ाई झगड़े के रहना होगा।’
मलिक ने कहा, ‘मेरी राय ये है कि अपने लोगों में गांधी और कांग्रेस का विजन प्रसारित हो। लोगों को पता चले कि हम उनसे कितना अलग हैं। भारत में कोई भी व्यक्ति राजनीति में एक्टिव है, वह अपने तक एक्टिव है, वह देश के बारे में नहीं सोचता। देश के बारे में राय नहीं बनाता। उसको प्रसारित नहीं करता।’
मलिक ने कहा, ‘एक अच्छी बात ये है कि लोगों ने टीवी देखना बंद कर दिया है। हमारे पास अब सोशल मीडिया का माध्यम है। लेकिन ये लोग उस पर भी लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’ इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे यूट्यूब अकाउंट को दबा रखा है।’
‘ये मुद्दों का इवेंट बनाना जानते हैं, फिर अपने पक्ष में फायदा उठाते हैं‘
राहुल ने कहा, ‘जब भी सरकार पर कोई प्रेशर आता है, ये कुछ न कुछ निकाल देते हैं। जब मैंने गौतम अडानी पर चर्चा की, तो पहले टीवी बंद कर दी, फिर मुझे संसद से निकाल दिया। फिर स्पेशल सेशन की बात हुई, तो उसमें भारत और इंडिया पर चर्चा की बात हुई। लास्ट में ये लोग महिला आरक्षण बिल लाए। वह भी अभी नहीं, 10 साल बाद आएगा। चाहे पुलवामा हो, महिलाओं का मुद्दा हो, इनके पास चर्चा को भटकाने का अच्छा तरीका है।’
इस पर सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘ये किसी भी चीज का इवेंट बना देते हैं। फिर अपने पक्ष में फायदा उठाते हैं। महिला आरक्षण बिल का भी यही किया। महिलाओं को कुछ मिलना नहीं है, लेकिन इस तरह से दिखा दिया कि न जाने कितना बड़ा काम करा दिया। नई इमारत की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन इन्हें (पीएम मोदी को) अपना पत्थर लगाना था कि इन्होंने बनवाई है। वो पुरानी इमारत तो अब भी कई साल तक चलती।’
राहुल ने कहा कि जब आपने पुलवामा और किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया तो आपको धमकाया गया, सीबीआई आदि से। इस सवाल पर मलिक ने कहा, ‘कानून ये है कि जो शिकायतकर्ता होता है, उसे सजा नहीं दी जा सकती। मैंने शिकायत की जिनकी, उनकी पूछताछ नहीं हुई, जांच नहीं हुई। इसके उलट मुझसे पूछताछ के लिए तीन-तीन बार आ गए। मैंने कहा, तुम कुछ भी कर लो, मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे। मैं फकीर हूं, मेरे पास कुछ नहीं है। बातचीत में तंग आकर कहा कि साहब हम तो नौकरी कर रहे हैं। उनकी भी मजबूरी है।’ अंत में राहुल ने कहा, ‘हमने आपसे बात की तो आप पर भी आक्रमण होगा।’ इस पर मलिक ने कहा, ‘इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’