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सात्विकसाईराज व चिराग शेट्टी की जोड़ी ने रचा इतिहास, एशियाई खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक

सात्विकसाईराज व चिराग शेट्टी की जोड़ी ने रचा इतिहास, एशियाई खेलों की बैडमिंटन स्पर्धा में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक

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हांगझू, 7 अक्टूबर। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी व चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी ने शनिवार को यहां 19वें एशियाई खेलों में बैडमिंटन की पुरुष युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया। एशियाई खेलों के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब बैडमिंटन में भारत स्वर्ण पतक जीतने में कामयाब रहा।

एक स्वर्ण सहित तीन पदकों के साथ भारतीय अभियान का समापन

इससे पहले पीवी सिंधु ने जकार्ता 2018 में महिला एकल स्पर्धा में रजत पदक जीता था जबकि इस बार हांगझू खेलों की पुरुष टीम स्पर्धा में फाइनल में पहुंचने के बाद भारत को चीन के हाथों पराजय के बाद रजत से संतोष करना पड़ा था। वैसे इस बार बैडमिंटन में भारत को मिला तीसरा पदक है। शुक्रवार को एच.एस. प्रणय पुरुष एकल में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे।

चिराग-सात्विक ने फाइनल में कोरियाई जोड़ी को शिकस्त दी

बीडब्ल्यूएफ विश्व रैकिंग में दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय जोड़ी – चिराग व सात्विकसाईराज ने बिनजियांग जिम्नेजियम के बीडीएम कोर्ट एक पर खेले गए फाइनल मैच में दक्षिण कोरिया के चोई सोल्ग्यू व किम वोन्हू को 56 मिनट में 21-18, 21-16 से हराया।

कोरियाई टीम के खिलाफ पहले गेम में पिछड़ने के बाद भारतीयों ने वापसी की

शीर्ष भारतीय जोड़ी ने बढ़त के साथ मैच की शुरुआत की। हालांकि, चोई और किम ने भारत के खिलाड़ियों को टक्कर दी और ब्रेक तक 11-9 की बढ़त हासिल कर ली। ब्रेक के बाद सात्विक व चिराग ने कुछ अच्छे ड्रॉप शॉट, स्मैश और बैकहैंड शॉट लगाते हुए कोरियाई जोड़ी पर दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन चोई और किम ने लगातार अपनी बढ़त बनाए रखी। इस क्रम में 18-18 से स्कोर बराबर करने के बाद भारतीय जोड़ी ने लगातार तीन अंक हासिल किए और लगभग पूरे गेम में पीछे चल रहे सात्विक और चिराग की जोड़ी ने पहला गेम 29 मिनट में जीत लिया।

दूसरा गेम भी बेहद रोमांचक रहा और दोनों ही टीमों ने लगातार बेहतरीन प्रयास किए, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने विरोधी जोड़ी के खिलाफ ब्रेक तक 11-8 की बढ़त बनाए रखी। भारतीय जोड़ी ने इसके बाद लगातार कई शानदार शॉट लगाते हुए विरोधी टीम को गलतियों के लिए बाध्य किया। चोई सोल्ग्यू और किम वोन्हू ने ब्रेक के बाद अपने स्कोर में 8 अंक का इज़ाफ़ा ज़रूर किया, लेकिन सात्विक और चिराग भारत को ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाने में कामयाब रहे।

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