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विश्व बैडमिंटन : सेमीफाइनल में हारे सात्विकसाईराज व चिराग, पुरुष युगल में पहली बार भारत को कांस्य पदक

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टोक्यो, 27 अगस्त। चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी की भारतीय जोड़ी का बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार अभियान शनिवार को थम गया, जब वह सेमीफाइनल में छठी सीड मलेशियाई एरोन चिया व सोह वूई यिक से हार गई। फिलहाल भारतीय सितारों ने पुरुष युगल में पहली बार कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में भारत का यह 13वां पदक होगा।

पहला गेम जीतने के बाद मलेशियाई टीम से हारे चिराग-सात्विक

विश्व रैंकिंग में सातवें नंबर पर काबिज सात्विक व चिराग पहले गेम में जीत का फायदा नहीं उठा पाए और 77 मिनट तक चले मैच में 22-20, 18-21, 16-21 से हार गए। यह सात्विक और चिराग की मलेशियाई जोड़ी के हाथों लगातार छठी हार है। इस महीने के शुरू में राष्ट्रमंडल खेलों के मिश्रित टीम फाइनल में भी उन्हें इस जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा था।

इस हार के बावजूद भारतीय जोड़ी ने विश्व चैंपियनशिप में प्रभावशाली प्रदर्शन किया और भारत का एक पदक सुनिश्चित किया। सेमीफाइनल मुकाबले में चिराग का अपनी सर्विस और रक्षण पर नियंत्रण नहीं रहा। सात्विक ने भरपाई करने की कोशिश की, लेकिन मलेशियाई जोड़ी के सधे हुए खेल के सामने उनकी एक नहीं चली।

भारतीयों ने हालांकि अच्छी शुरुआत की और पहले गेम में मध्यांतर तक 11-5 से बढ़त हासिल कर ली थी। मलेशियाई जोड़ी ने हालांकि वापसी करके स्कोर 11-12 कर दिया और जल्द ही दोनों टीमें 16-16 से बराबरी पर पहुंच गई। सोह के करारे शॉट से मलेशियाई जोड़ी ने 18-17 से बढ़त बनाई लेकिन जल्द ही स्कोर 20-20 से बराबर हो गया। चिराग ने गेम अंक हासिल किया और एरोन की गलती से भारत पहला गेम अपने नाम करने में सफल रहा।

दूसरे गेम में मलेशियाई जोड़ी के खेल में अधिक निखार दिखाई दिया, लेकिन भारतीयों ने भी उन्हें आसानी से जीत दर्ज नहीं करने दी। मलेशिया जोड़ी हालांकि 16-11 की बढ़त लेकर मजबूत स्थिति में पहुंच गई और फिर उसने यह गेम जीतने में देर नहीं लगाई।

तीसरे और निर्णायक गेम में दोनों जोड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। भारतीय जोड़ी एक समय 6-5 से आगे थी, लेकिन विपक्षियों ने जल्द ही स्कोर 10-8 कर दिया। इसके बाद भी दोनों जोड़ियों ने एक दूसरे को कड़ी चुनौती दी और बीच में स्कोर 13-14 और 15-16 भी रहा। मलेशियाई जोड़ी ने हालांकि चिराग की एक और गलती का फायदा उठाकर चार मैच अंक हासिल किया और सात्विक का रिटर्न नेट पर लगने के साथ ही मैच का अंत हो गया।

युगल में भारत को दूसरा पदक, ज्वाला-अश्विनी ने 2011 में कांस्य जीता था

देखा जाए तो भारत ने 2011 के बाद इस प्रतियोगिता में हर बार पदक जीते हैं जबकि युगल में भारत का दूसरा पदक है। इससे पहले ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने 2011 में महिला युगल में कांस्य पदक जीता था।

पीवी सिंधु ने महिला एकल में 2019 में स्वर्ण पदक सहित कुल पांच पदक जीते हैं जबकि साइना नेहवाल ने एक रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया है। इनके अलावा किदांबी श्रीकांत ने रजत, लक्ष्य सेन, बी.साई प्रणीत और प्रकाश पादुकोण कांस्य पदक जीते हैं।

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