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संयुक्त किसान मोर्चा की अपील – पीएम मोदी एमएसपी समेत लंबित मांगों का भी करें समाधान

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सोनीपत, 20 नवंबर। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को वापस करने की घोषणा को सही दिशा में एक स्वागत योग्य कदम करार देते हुए अपील की है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य लंबित मांगों का भी समाधन करें।

एसकेएम समन्वय समिति के सदस्य डॉ. दर्शन पाल ने कुंडली बॉर्डर पर कहा कि किसानों की लड़ाई ने देश में एक ऐसा माहौल बना दिया है, जिससे पूरे देश के लोगों को भी एक रास्ता मिल गया है कि वे आने वाले दिनों में अपने मुद्दों को लेकर संघर्ष करें। लंबे समय तक अनुशासन व संयम के साथ आंदोलन चलाने के लिए किसान बधाई के पात्र हैं।

पीएम की घोषणा स्वागत योग्य, किसानों की एकजुटता की पहली बड़ी जीत

डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि तीन किसान-विरोधी कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के निर्णय के संबंध में प्रधानमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य है। यह देश के किसानों की एकजुटता की पहली बड़ी जीत है। कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर कर किसानों के संघर्ष ने देश में लोकतंत्र और भारत में संघीय राज्य व्यवस्था को बहाल किया है।

उन्होंने कहा कि अब भी कई मांगें लंबित हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन लंबित मामलों के बारे में जानकारी है। एसकेएम को उम्मीद है कि भारत सरकार तीन किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के अलावा किसानों की लाभकारी एमएसपी की गारंटी के लिए वैधानिक कानून सहित सभी जायज मांगों को पूरा करने की पूरी कोशिश करेगी।

डॉ. दर्शन पाल ने साथ ही कहा कि जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाकर सभी घटनाक्रमों का आकलन किया जाएगा और एमएसपी पर गारंटी कानून समेत कई लंबित मांगों पर आगामी रणनीति तय की जाएगी। इस अवसर पर एसकेएम ने अब तक इस आंदोलन में शहीद हुए किसानों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

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