नई दिल्ली/ सोनीपत, 21 नवंबर। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दो दिन पूर्व तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद भविष्य के आंदोलन की रणनीति तय करने के लिए की रविवार को सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा सीमा) पर एक बैठक आहूत की थी। लेकिन इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका और अब अगली बैठक 27 नवंबर को होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान नेताओं की बैठक में मुख्य रूप से कानून वापस होने पर सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से मोर्चा हटाने के मुद्दे पर विचार विमर्श किया गया। हालांकि सबसे अहम मुद्दा एमएसपी की मांग को लेकर आगे की रणनीति तैयार करना था। फिलहाल किसान संगठन किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंचे और एक सप्ताह बाद फिर बैठक का फैसला किया गया।
इसके पूर्व शनिवार को एसकेएम के प्रमुख नेताओं की नौ सदस्यीय कमेटी की बैठक हुई थी। पहले यह बैठक शनिवार को होने वाली थी, लेकिन किसी वजह से किसान नेताओं ने संयुक्त
वैसे, राकेश टिकैत भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि उन्हें लखनऊ जाना था, जहां सोमवार को महापंचायत होनी है। इस महापंचायत में लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत को लेकर इंसाफ मांगा जाएगा।
29 नवंबर को संसद मार्च की योजना से सरकारी एजेंसियां चिंतित
फिलहाल राकेश टिकैत पहले ही कह चुके हैं कि 29 नवंबर को संसद मार्च की योजना है। इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस की चिंता अह भी बढ़ी हुई है। सरकार को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री के एलान के बाद महापंचायत और अन्य कार्यक्रम रद हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने से सभी सुरक्षा एजेंसियां किसान आंदोलन को लेकर भी अलर्ट पर हैं।