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संजय सिंह बोले – WFI का निलंबन रद करने की सरकार से करेंगे मांग

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नई दिल्ली, 24 दिसम्बर। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह ने रविवार को कहा कि वह सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट कर WFI का निलंबन रद करने की मांग करेंगे कि उन्होंने फैसले करते समय किसी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यदि मामले का समाधान नहीं होता तो वे कानूनी विकल्प भी तलाश कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित निकाय को निलंबित कर दिया क्योंकि उसका मानना है कि ‘उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और खिलाड़ियों को तैयारी के लिए नोटिस दिए बिना’ अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की गई।

‘बातचीत से मामला नहीं सुलझता तो हम कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं

संजय सिंह ने कहा, ‘हम खेल मंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं और उनसे निलंबन हटाने का आग्रह करते हैं। यदि बातचीत से मामला नहीं सुलझता तो हम कानूनी विकल्प तलाश सकते हैं। हम सरकार को बताएंगे कि हमने निर्णय करते समय नियमों का पालन किया है। हम सबूत पेश करेंगे। जो भी फैसले किए गए, वे सर्वसम्मति से किए गए। यह मेरा कोई निजी फैसला नहीं था। 24 राज्य संघों ने हलफनामे दिए थे और हमारे पास ईमेल हैं। हमारे पास सब कुछ लिखित में है।’

खेल मंत्रालय ने IOA से कहा – कुश्ती संस्था चलाने के लिए तदर्थ समिति बनाएं

इस बीच खेल मंत्रालय ने नवगठित डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने के कुछ घंटे बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से एथलीट चयन की प्रक्रिया सहित भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के मामलों की देखरेख और संचालन के लिए एक तदर्थ समिति बनाने को कहा है।

केंद्र ने कहा, “डब्ल्यूएफआई के पूर्व पदाधिकारियों के प्रभाव और नियंत्रण से उत्पन्न मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, डब्ल्यूएफआई के शासन और अखंडता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। इसके लिए खेल संगठनों में सुशासन के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए तत्काल और कड़े सुधारात्मक उपायों की आवश्यकता है, और इस प्रकार अब यह आईओए की जिम्मेदारी बन गई है कि वह डब्ल्यूएफआई के मामलों के प्रबंधन के लिए अंतरिम अवधि के लिए उपयुक्त व्यवस्था करे।’

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