मुंबई, 22 अगस्त। अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए अक्सर ही सुर्खियों में रहने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत ने भारत के विभाजन की तुलना अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति से करते हुए कहा है कि यह घटना देश की संप्रभुता तथा अस्तित्व की तबाही के दर्द की याद दिलाती है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोकटोक’ में राउत ने ये विचार व्यक्त किए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की बजाय पाकिस्तान के निर्माता मोहम्मद अली जिन्ना को मारा होता तो विभाजन को शायद रोका जा सकता था और 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की जरूरत नहीं होती।
मराठी दैनिक के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा, ‘अफगानिस्तान में जो स्थिति है, वह मुझे देश के अस्तित्व और संप्रभुता की तबाही की याद दिलाती है। उन्होंने भारत के विभाजन की तुलना अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति से करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के सैनिक वहां से भाग गए।
‘पीएम मोदी यदि अखंड हिन्दुस्तान चाहते हैं तो उनका स्वागत है’
राउत ने कि विभाजन के दर्द को तब तक नहीं भुलाया जा सकता, जब तक अलग किया गया हिस्सा वापस नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा, ‘अखंड भारत होना चाहिए, ऐसा हम मानते हैं। लेकिन यह संभव होगा, ऐसा नहीं लगता। लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अखंड हिन्दुस्तान चाहते हैं तो उनका स्वागत है। उन्हें बताना होगा कि पाकिस्तान के 11 करोड़ मुसलमानों को लेकर उनकी क्या योजना है।’