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संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क समेत 22 आरोपियों को कोर्ट ने जारी किया समन, कई आरोपी हुए भूमिगत

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लखनऊ, 3 अगस्त। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है। एमपी-एमएलए कोर्ट (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली समेत 22 अन्य आरोपियों को समन भेजा है। सभी को 8 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो इनमें से 6 आरोपियों ने समन लेने से बचने के लिए छुपने की कोशिश की है। अगर आरोपित समन मिलने के बाद भी कोर्ट में नहीं आते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है।

सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर भड़काऊ भाषण और गंभीर आरोप

मिली जानकारी के मुताबिक, हिंसा के आरोपों में सांसद बर्क पर भड़काऊ भाषण देने और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है। मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली पर पुलिस को गुमराह करने और झूठे सबूत पेश करने के मामले में जांच चल रही है। बाकी आरोपियों पर जानलेवा हमला, सरकारी काम में बाधा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आपराधिक साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

चार्जशीट दाखिल, गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

इस मामले की जांच के दौरान कुल 12 मुकदमों में से 11 में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। हालांकि, सांसद जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। जफर अली मार्च में गिरफ्तार हुए थे, लेकिन अब वे जमानत पर बाहर हैं। पुलिस ने बताया कि अब केस की नियमित सुनवाई शुरू होगी। पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में कुल 7 प्राथमिकी दर्ज की थीं। इन मामलों में एक एफआईआर में सांसद और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल का नाम भी था, लेकिन जांच में उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया गया और क्लीन चिट दे दी गई।

हिंसा की पृष्ठभूमि और पुलिस कार्रवाई

गौरतलब है कि इस हिंसा की शुरुआत 19 नवंबर 2024 को हरि हर मंदिर के दावे को लेकर सिविल जज की अदालत में वाद दायर होने के बाद हुई। 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे। अब कोर्ट की कार्रवाई और पुलिस की जांच इस मामले की अगली दिशा तय करेगी।

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