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यूपी चुनाव : सपा गठबंधन ने पूर्वांचल के आजमगढ़ व गाजीपुर जिलों में भाजपा का सूपड़ा साफ किया

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लखनऊ, 11 मार्च। वर्ष 2017 की अपेक्षा कम सीटों के बावजूद योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर दो तिहाई बहुमत से उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की तैयारी कर रही है।

चुनाव परिणामों पर एक नजर डालें तो पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी, कृष्ण नगरी मथुरा व मिर्जापुर सहित कुछ जिलों में भाजपा और सहयोगी दलों ने सभी सीटें अपने नाम कीं। लेकिन पूर्वांचल में दो जिले ऐसे भी रहे, जहां पार्टी का खाता तक नहीं खुल सका। ये जिले रहे आजमगढ़ और गाजीपुर, जहां समाजवादी पार्टी ने अपने गठबंधन के दलों के साथ मिलकर भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया।

आजमगढ़ की सभी 10 सीटों पर जीते सपा प्रत्याशी

सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में विधानसभा की कुल 10 सीटें हैं और इन सभी सीटों पर सपा को कामयाबी मिली। आजमगढ़ के विजेता सपा प्रत्याशियों में बेचई (लालगंज), पूजा सरोज (मेहनगर), कमलाकांत राजभर (दीदारगंज), रमाकांत यादव (पवई फूलपुर), दुर्गा प्रसाद यादव (आजमगढ़ सदर), आलम बदी (निजामाबाद), अखिलेश यादव (मुबारकपुर), नफीस अहमद (गोपालपुर), डॉ. संग्राम यादव (अतरौलिया) और डॉ. एचएन पटेल (सगड़ी) रहे।

गाजीपुर में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा का समीकरण फेल

आजमगढ़ की तरह गाजीपुर जिले में भी भाजपा की दुर्गति हुई, जहां सभी सात सीटों पर सपा (पांच) और उसकी सहयोगी सुभासपा (दो) विजयी रही। दिलचस्प यह है जम्मू-कश्मीर के मौजूदा राज्यपाल व पूर्व सांसद मनोज सिन्हा का गृह जनपद गाजीपुर है। लेकिन जानकारों की मानें तो यहां उनका समीकरण भी फेल हो गया। बताया जाता है कि मनोज सिन्हा यहां कैम्प कर रहे थे और उन्हीं के हिसाब से यहां टिकटों का बंटवारा हुआ था।

राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत सहित भाजपा की तीनों महिला विधायक परास्त

फिलहाल सपा गठबंधन के आगे कोई तरकीब काम नहीं आई। यहां तक कि राज्य मंत्री डॉ. संगीता बलवंत (गाजीपुर सदर) सहित जिले में पार्टी की तीनों महिला विधायक को हार झेलनी पड़ी। दिवंगत भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय अपनी मोहम्मदाबाद सीट नहीं बचा सकीं। उनके अलावा सुनीता सिंह जमानिया से हार गईं।

जिले की 7 सीटों में 5 सपा और 2 सुभासपा के नाम रहीं

गाजीपुर के विजेता प्रत्याशियों में सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जहूरादाबाद और बेदी राम ने जखनियां से जीत हासिल की जबकि सपा के ओमप्रकाश सिंह (जमानिया), सुहेब अंसारी (मुहम्मदाबाद), डॉ. वीरेंद्र यादव (जंगीपुर), अंकित भारती (सैदपुर) और जयकिशन साहू (गाजीपुर सदर) से विजयी रहे।

पूर्वांचल में भाजपा+ को 9 सीटों का नुकसान, सपा+ को 16 सीटों का फायदा

सातवें चरण के चुनाव में कुल 54 सीटों पर मतदान हुआ था और जो नतीजे आए हैं, उनमें भाजपा गठबंधन और सपा गठबंधन के खाते में बराबर 27-27 सीटें गई हैं। 2017 के मुकाबले यहां भाजपा गठबंधन को नौ सीटों का नुकसान और सपा गठबंधन को 16 सीटों का फायदा हुआ।

भाजपा के खिलाफ गया जातीय समीकरण

जानकारों का कहना है कि 2017 में इस इलाके में भाजपा का सुभासपा यानी ओमप्रकाश राजभर की पार्टी से गठबंधन था। सुभासपा की वजह से गाजीपुर में तब भाजपा को सीट मिली थी। लेकिन इस बार उनके हटने के बाद भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर लोगों ने मतदान भी किया और जातीय वर्ग को साधने में बीजेपी कमोबेश नाकाम रही। जहूराबाद को ही देखें तो ओमप्रकाश राजभर को एक लाख से अधिक कुल 1,14,151 मत मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा के कालीचरण राजभर 68,920 वोट पा सके और हार-जीत का अंतर 45,231 रहा।

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